ऋण के लिए बंधक रखे गए मकान को धोखाधड़ी से कर दिया नीलाम

 



देहरादून/शिक्षा ऋण के लिए बंधक रखे गए मकान को बैंक के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक ने गलत तरीके से एनपीए घोषित करके नीलाम कर दिया। इस धोखाधड़ी में उसके साथ मकान में रहने वाला किरायेदार और उसकी पत्नी भी शामिल थी। मकान की नीलामी किरायेदार को ही की गई। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति.जनजाति आयोग के निर्देश पर वसंत विहार थाना पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। थाना वसंत विहार के एस.ओ नत्थीलाल उनियाल ने बताया कि इस मामले में द्वारिका प्रसाद निवासी ग्राम बिंदूपुर, मथुरा,उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति.जनजाति आयोग को शिकायत भेजी थी जिसमें द्वारिका प्रसाद ने बताया कि वह ओएनजीसी से 30 जनवरी 2011 को महाप्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वर्ष 2009 में उनके परिचित जितेंद्र कुमार निवासी कृष्णानगर, मथुरा,उत्तर प्रदेश ने कारपोरेशन बैंक की मथुरा शाखा से 20 लाख रुपये शिक्षा ऋण लिया था। इस ऋण में द्वारिका प्रसाद गारंटर थे। गारंटी के तौर उन्होंने विजय पार्क एक्सटेंशन देहरादून स्थित अपने मकान को बंधक किया था। इस मकान में अभिनव थापर किराये पर रहता था। द्वारिका प्रसाद का आरोप है कि बैंक के जोनल ऑफिस मेरठ के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक संजय मनोचा ने अभिनव थापर और उसकी पत्नी दिव्या के साथ मिलीभगत कर उनके मकान को नीलाम कर दिया। इसके लिए उक्त शिक्षा ऋण खाते को गलत तरीके से एनपीए घोषित किया गया। 30 जनवरी 2016 को सिर्फ अभिनव और दिव्या से एकमात्र बिड लेकर डेढ़ करोड़ के मकान को उन्हें 54 लाख 41 हजार 476 रुपये में नीलाम दिखा दिया। एस.ओ नत्थीलाल उनियाल ने बताया कि आयोग के निर्देश पर संजय मनोचा, अभिनव और दिव्या के खिलाफ धोखाधड़ी और एस.सी. और एस.टी. एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 


 


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