फर्जी मुठभेड़ -गाजियाबाद में निरीक्षक,उप निरीक्षक समेत दस पुलिस वालों पर मुकदमा दर्ज

 


 



                                                             
गाजियाबाद/ विजयनगर थाना के पूर्व प्रभारी निरीक्षक और दो उपनिरीक्षक समेत दस पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इन पर आरोप है कि युवक को पकड़कर मुठभेड़ में दिखाया और पैर में गोली मार दी। परिजनों ने कोर्ट में अर्जी लगाई। कोर्ट के आदेश पर पुलिस कर्मियों पर अपहरणए गोली मारने और अन्य मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया। विजयनगर सेक्टर.11 में रहने वाली यास्मीन ने बताया कि विजयनगर पुलिस ने उसके भाई आमिर और उसके साथी फरमान व शाहवेज के खिलाफ 17 जून 2019 को मुकदमा दर्ज किया। मुकदमे का पता लगने पर 26 जून को आमिर ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था लेकिन तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक श्यामवीर सिंह और उपनिरीक्षक कविश मलिक ने सरेंडर के लिए इनकार कर दिया। इसके बाद यास्मीन 27 जून को आमिर को कोर्ट में सरेंडर कराने के लिए ले जा रही थी। उस समय वकील ने फाइल तैयार कराई और दूसरे दिन सरेंडर कराने को कहा। यास्मीन का आरोप है कि उसका भाई कोर्ट से घर जा रहा था इसी दौरान एस.एस.पी. कार्यालय के पास से कुछ पुलिसकर्मियों ने आमिर का अपहरण कर लिया और कुछ ही देर बाद सिद्धार्थ विहार में मुठभेड़ दिखाते हुए पैर में गोली मार दी। पीड़िता ने कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक श्यामवीर सिंह, उपनिरीक्षक कविश मलिक, उपनिरीक्षक ब्रह्मपाल सिंह, सिपाही विपिन, मोनी उर्फ राजकुमार, अनुज तथा तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपहरण व गोली मारने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस मुठभेड़ पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। इंदिरापुरम में क्षेत्र में चोरी करते हुए बदमाश को लोगों ने पकड़ कर पुलिस को सौंपा था। पुलिस ने उसको मुठभेड़ में गोली मारकर गिरफ्तार दिखाया था। वहीं सभी आरोपियों के पैर में एक ही रंग के अंगोछे बंधे होने पर भी गाजियाबाद पुलिस पर सवाल खड़े हो गए थे। 27 जून को विजयनगर पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें पुलिस के हिसाब से दो आरोपी मोनी नाम के युवक को गोली मारकर भाग रहे थे। इसी दौरान आमिर को गोली मारी गई थी और उसका साथी फरार था। पुलिस की ओर से आमिर पर 15 हजार के इनाम की घोषणा की गई थी। कोर्ट के आदेश पर पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।


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