मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कैग रिपोर्ट पर बयान

 


 


 



 भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में विभिन्न विभागों में भारी वित्तीय अनियमितता के मामले सामने आने पर सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वह स्वयं इस रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं। यदि इसमें जानबूझकर गड़बड़ी पाई गई तो इसके लिए संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, भले ही वह अधिकारी कितना भी बड़ा हो। इसमें किसी को बख्शा नहीं जाएगा।


विधानसभा सत्र के दौरान मंगलवार को सदन में पेश कैग की रिपोर्ट में विभिन्न विभागों में 2271 करोड़ के राजस्व नुकसान का उल्लेख है। इसमें विभागों की गंभीर लापरवाह कार्यशैली को भी इंगित किया गया है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।




सचिवालय में मीडिया कर्मियों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कैग की रिपोर्ट तकनीकी आधार पर होती है। कैग ने जो कमियां और अनियमितताएं बताई हैं, जब ठीक से उनका परीक्षण करेंगे तब वास्तविक स्थिति सामने आएगी।



वहीं, इस मामले में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि कैग को प्रथम दृष्टया जो दिखाई देता है, उसे वह रिपोर्ट में देती है। विधानसभा में उठने वाले विषयों पर लोक लेखा समिति बहुत गंभीरता से लेती है और विभाग से जानकारी मांगी जाती है।


उन्होंने बताया कि विभाग का जवाब संतोषजनक पाया जाता है तो फिर आगे कार्रवाई नहीं होती, लेकिन यदि जवाब देने में देरी होती है तो उसका संज्ञान भी लिया जाता है। उन्होंने कहा कि समिति के सामने प्रस्तुत सभी मामलों का गंभीरता से विचार किया जाता है। यह मामला भी लोक लेखा समिति के पास जाएगा।



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