मौसम विज्ञान केंद्र ने नागरिकों से बिजली, ओलावृष्टि और जलभराव से सावधान रहने का आग्रह किया
देहरादून : प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम ने अचानक करवट ली है और शनिवार को तेज दौर की बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल और बागेश्वर जिलों के कुछ हिस्सों में भारी से अत्यधिक बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों में बिजली चमकने के साथ तेज बारिश की चेतावनी भी दी गई है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। मौसम विज्ञान केंद्र ने इसे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसका मतलब है कि स्थानीय प्रशासन और आम नागरिकों को आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए।
अन्य जिलों में भी मौसम की मार दिख सकती है। येलो अलर्ट जारी किया गया है, जो चेतावनी देता है कि तेज बारिश हो सकती है लेकिन उसकी तीव्रता ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों जितनी अधिक नहीं होगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मानसून की बारिश सामान्य से अधिक है। उनका कहना है कि जलवायु परिवर्तन और बदलते मौसम के पैटर्न इसका मुख्य कारण हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, हिमालयी क्षेत्रों में मानसून के दौरान बारिश की तीव्रता और आवृत्ति में बदलाव देखने को मिल रहा है।
आने वाले दिनों में भी बारिश का दौर जारी रह सकता है। 18 सितंबर तक प्रदेशभर में तेज बारिश होने की संभावना बनी हुई है। इस बीच प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। टिहरी जिले में सभी कक्षा 1 से 12 तक के स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, कई जिलों में स्थानीय प्रशासन ने नदियों और नालों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
मौसम की इस अनिश्चितता के कारण यातायात प्रभावित होने की भी संभावना है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़क बंद होने की घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे पर्वतीय मार्गों पर सावधानी से यात्रा करें और आवश्यकता पड़ने पर यात्रा टाल दें। मौसम विज्ञान केंद्र ने नागरिकों से घर के आसपास पानी के जमाव को रोकने, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित रखने और बिजली गिरने या ओलों जैसी घटनाओं से सतर्क रहने की अपील की है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के इन असामान्य पैटर्नों के कारण प्रदेश के कृषि क्षेत्र पर भी असर पड़ सकता है। फसलें जलभराव और तेज हवा से प्रभावित हो सकती हैं। किसानों को खेतों में सतर्क रहने और फसलों को सुरक्षित रखने के उपाय करने की सलाह दी जा रही है।
इस प्रकार, प्रदेशभर में आने वाले दिनों में मौसम से जुड़ी सतर्कता और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण बनी हुई है। तेज बारिश के कारण प्रशासन, नागरिक और किसानों को सभी संभावित खतरों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। मौसम की अनिश्चितता और जलवायु परिवर्तन की वजह से इस बार मानसून सामान्य से अधिक सक्रिय है, और लोगों को सतर्क रहकर सुरक्षित रहने की आवश्यकता है।
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