वैष्णो देवी : अर्धकुंवारी के पास हुआ था भीषण भूस्खलन, अब भी जारी खतरा
कटरा : माता वैष्णो देवी की यात्रा सोमवार को लगातार 14वें दिन भी स्थगित रही। अधिकारियों ने बताया कि प्रतिकूल मौसम और लगातार हो रहे भूस्खलनों के चलते मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग अवरुद्ध हैं, जिससे श्रद्धालुओं की आवाजाही असुरक्षित हो गई है। सुरक्षा कारणों से यात्रा को अभी पुनः शुरू नहीं किया गया है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग भी भूस्खलन और सड़क क्षति की वजह से कई स्थानों पर बाधित है, जिससे क्षेत्र में संपर्क और भी कठिन हो गया है।
प्रशासन ने कहा कि मलबा हटाने और मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य जारी है, लेकिन यात्रा तभी शुरू होगी जब मौसम की स्थिति में सुधार होगा और रास्तों को पूरी तरह सुरक्षित घोषित किया जाएगा। लगातार लंबे समय से यात्रा बाधित होने के कारण श्रद्धालुओं में निराशा है, वहीं स्थानीय व्यवसायों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे धैर्य बनाए रखें और अगली सूचना तक अनावश्यक यात्रा न करें।
यात्रा का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं ने अपनी व्यथा व्यक्त की। केरल से आए एक श्रद्धालु ने कहा कि वह पिछले दो दिनों से कपाट खुलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिल पाई। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर के दर्शन किए बिना घर नहीं लौटेंगे। साथ ही उन्होंने भूस्खलन के कारण जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के प्रति संवेदना भी व्यक्त की।
गौरतलब है कि 26 अगस्त को हुए भीषण भूस्खलन के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई थी। इस हादसे में 34 लोगों की मौत हो गई थी और कई श्रद्धालु घायल हो गए थे। घटना उस समय हुई थी जब भारी बारिश के कारण कटरा से मंदिर तक 12 किलोमीटर लंबे मार्ग के लगभग मध्य हिस्से, अर्धकुंवारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास अचानक भारी भूस्खलन हुआ। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस आपदा की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित करने का आदेश दिया। समिति की अध्यक्षता जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा कर रहे हैं, जबकि इसमें जम्मू के संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक को भी शामिल किया गया है।
टिप्पणियाँ