नरौरा से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा, गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, स्थिति गंभीर
बदायूं : जिले में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। रविवार को यह साल 2023 का रिकार्ड तोड़ते हुए खतरे के निशान से 55 सेंटीमीटर अधिक हो गया और सोमवार को भी जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। करीब 39 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जहां राहत कार्य तेज कर दिया गया है। प्रभावित लोगों को नाव और स्टीमर के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। डीएम और एसएसपी ने संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री, भोजन पैकेट व पीने के पानी की आपूर्ति कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमें भी तैनात हैं।
नरौरा से तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है। सहसवान और उसहैत क्षेत्र के कई गांवों में पानी घुस गया है। सहसवान के खागीनगला, तोफिया नगला, भमरौलिया, वीरसहाय नगला, तेली नगला और गिरधारी नगला सहित कई गांव प्रभावित हैं। उसहैत के जटा, अहमद नगर बछौरा, बल्ले नगला, बेहटी, ठकुरी नगला, कमले नगला, रैपुरा, कदम नगला, कमलईयापुर, दल नगला, जसवंत नगला, प्रेमी नगला और सिठौली खाम गांवों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट चुका है। पानी का तेज बहाव ग्रामीणों में डर पैदा कर रहा है।
दातागंज क्षेत्र के कटकोरा, देवरनियां, नवादा बदन, गढ़िया पैगंबरपुर, कटक, बिहारीपुर अजब, कुंडरा मजरा, जलेवी नगला, नगला देवेंद्र सिंह, नगला सुखपाल सिंह, भेड़ा, लालपुर खादर, शेरपुर, मौजमपुर, पूरन भेड़ा, पट्टी विजा और हर्रामपुर गांवों के रास्ते पूरी तरह बंद हो गए हैं। तीन क्षेत्रों के करीब 17 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। एसडीएम दातागंज धर्मेंद्र सिंह के अनुसार, फिलहाल रामगंगा में पानी की वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन रास्ते डूबे होने से समस्या बनी हुई है। प्रभावित गांवों में खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है और पानी बढ़ने पर लोगों को शरणार्थी शिविरों में ले जाया जाएगा।
तहसील सहसवान, दातागंज और सदर क्षेत्र में बाढ़ का पानी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। निचले इलाकों में पानी भरने से सड़क संपर्क कट गया है। कई गांवों में खेत डूब गए हैं और पक्के-कच्चे मकानों में कमर तक पानी भर गया है। बाढ़ के पानी में सांप, बिच्छू और अन्य जहरीले जीव घुसने लगे हैं, जिससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है।
बाढ़ प्रभावित 39 गांवों में बिजली आपूर्ति सप्ताहभर से ठप है। लोग मोमबत्ती और लालटेन के सहारे रात गुजार रहे हैं। मोबाइल चार्ज करने के लिए ग्रामीणों को दूसरे गांवों में जाना पड़ रहा है। बिजली न होने से अंधेरे में यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है कि बाढ़ का पानी अपने साथ क्या बहाकर ला रहा है।
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