पोकरण फायरिंग रेंज की जानकारी लीक? डीआरडीओ कर्मचारी रडार पर

 


केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने जैसलमेर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के गेस्ट हाउस के प्रबंधक महेंद्र सिंह को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के संदेह में हिरासत में लिया है। यह गेस्ट हाउस चंदन फील्ड फायरिंग रेंज के पास स्थित है, जहां अक्सर मिसाइल और हथियार परीक्षणों के दौरान डीआरडीओ के वैज्ञानिक और अधिकारी ठहरते हैं। जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने महेंद्र सिंह की गिरफ्तारी की पुष्टि की है और बताया है कि संयुक्त पूछताछ केंद्र में उनसे गहन पूछताछ की जाएगी। इसमें सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां मिलकर साझा रूप से उस जानकारी की पड़ताल करेंगी, जो कथित रूप से पाकिस्तानी एजेंसियों के साथ साझा की गई थी।

महेंद्र सिंह उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का निवासी है और वर्तमान में जैसलमेर के चांधन क्षेत्र में स्थित डीआरडीओ गेस्ट हाउस का प्रबंधक है। पुलिस का कहना है कि उस पर फायरिंग रेंज के पास चल रहे रणनीतिक अभियानों और सैन्य गतिविधियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ लीक करने का संदेह है। यह जानकारी पाकिस्तान के खुफिया नेटवर्क के लिए बेहद उपयोगी हो सकती है, जिससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, महेंद्र सिंह ने भारत में सक्रिय आईएसआई एजेंटों द्वारा दिए गए फोन नंबर के जरिए संवेदनशील जानकारी साझा की। एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि वह किन-किन जानकारियों तक पहुंच रखता था, और क्या कुछ पहले भी लीक किया गया है। सुरक्षा विश्लेषकों के अनुसार, यह घटना न केवल पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की खुफिया गतिविधियों की गहराई को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारतीय सैन्य और रक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बनाए रखना कितना आवश्यक है।

डीआरडीओ की जैसलमेर स्थित पोकरण फायरिंग रेंज देश की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षण स्थलों में से एक है, जहां मिसाइल, हथियार प्रणाली और रक्षा तकनीकों के परीक्षण नियमित रूप से होते हैं। ऐसे में वहां तैनात कर्मचारियों की पृष्ठभूमि और गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखना आवश्यक है। इस मामले में आगे की कार्रवाई और जांच रिपोर्ट पर अब पूरे देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजरें टिकी हैं।

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