जम्मू-कश्मीर में मूसलाधार बारिश से तबाही, अब तक 13 की मौत

 


जम्मू  : क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियाँ उफान पर हैं और तेज बहाव अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को बहा ले गया। चट्टानों, पेड़ों और पत्थरों के ढलानों से नीचे गिरने के कारण अब तक कम से कम 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आए नौ तीर्थयात्री भी शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने भारी बारिश की स्थिति को देखते हुए आवश्यक सेवाओं और कानून-व्यवस्था विभागों को छोड़कर सभी शैक्षणिक संस्थानों और कार्यालयों को बंद करने का आदेश जारी किया है। मौसम विभाग ने अगले 40 घंटों में जम्मू संभाग में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है। बसंतर, तवी और चिनाब नदियों का जल स्तर चेतावनी के निशान पर पहुंच गया है, जिसके चलते लोगों को नदियों के किनारों और बाढ़ संभावित इलाकों से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई है।

रियासी जिले में माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा उस समय स्थगित कर दी गई जब दोपहर लगभग 3 बजे पहाड़ की ढलान टूटकर नीचे गिर पड़ी। अचानक गिरे पत्थरों और मलबे ने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इस दौरान नौ श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि 21 अन्य घायल हुए हैं। मौके पर बचाव अभियान जारी है।

लगातार चौथे दिन बारिश से जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। हजारों लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। किश्तवाड़ जिले के सुदूर इलाके में अचानक आई बाढ़ में 10 मकान और एक पुल बह गया। कठुआ जिले के लखनपुर गांव में अर्द्धसैनिक बल के 12 जवान फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के प्रयास जारी हैं।

पिछले 24 घंटों में हुई तेज बारिश से तवी, चिनाब, उझ, रावी और बसंतर सहित अधिकांश नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। कश्मीर घाटी में भी भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। झेलम नदी अनंतनाग जिले के संगम पर 21 फुट के चेतावनी स्तर को पार कर चुकी है, जबकि श्रीनगर के राम मुंशी बाग में नदी का जल स्तर 18 फुट के खतरे के निशान से केवल दो फुट नीचे है।

अधिकारियों ने बताया कि अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कई इलाकों में पुलों, घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के साथ-साथ सार्वजनिक ढांचे को भी भारी नुकसान हुआ है। जलाशयों के उफान पर होने और अचानक आई बाढ़ ने प्रदेश में राहत और बचाव कार्यों को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।ड यहां

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