बरेली में नशा तस्करों का गढ़ उजागर, कैफे से चला रहे थे हेरोइन रैकेट

 


बरेली : संजयनगर क्षेत्र में एक कैफे की आड़ में लंबे समय से मादक पदार्थों की तस्करी का नेटवर्क संचालित हो रहा था। एएनटीएफ (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स) की कार्रवाई में इस नेटवर्क का खुलासा हुआ है। सोमवार को असम निवासी प्रियंका दास की गिरफ्तारी के बाद यह तथ्य सामने आया कि संजयनगर मेगा सिटी निवासी दो सगे भाई जगजीत और गुरप्रीत उर्फ गोपी अपनी बहन सिमरन के साथ मिलकर अफीम और हेरोइन की तस्करी कर रहे थे। इस गैंग की महिला सदस्य प्रियंका दास के पास से 211 ग्राम हेरोइन, एक मोबाइल और ₹71,120 नकद बरामद किए गए।

पूछताछ में प्रियंका ने बताया कि वह चार दिन पहले असम की साथी लक्षी दास के साथ अफीम और हेरोइन लेकर बरेली आई थी और यह खेप जगजीत, गोपी और सिमरन को सौंपी थी। डिलीवरी के बदले उसे पैसे मिलने थे। पुलिस जब प्रियंका को लेकर मेगा सिटी स्थित घर पहुंची, तो सिमरन मौके पर मिली और उसे गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि दोनों भाई पहले ही फरार हो चुके थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार इन भाइयों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पैरवी भी करवाई, लेकिन मामला लखनऊ तक पहुंच जाने के कारण उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी।

दोनों भाई संजय नगर रोड पर ‘आफ्टर डार्क’ नाम से एक कैफे चला रहे थे, जहां कैफे की आड़ में मादक पदार्थों की तस्करी की जा रही थी। सिमरन की दोस्ती प्रियंका से उस वक्त हुई थी जब वह गुवाहाटी में जगजीत की जमानत कराने गई थी। इसके बाद से प्रियंका नगालैंड और असम से मादक पदार्थ लाकर इन तीनों को सप्लाई करने लगी।

एएनटीएफ ने इस ऑपरेशन की स्थानीय पुलिस से कोई जानकारी साझा नहीं की थी, जिससे छापेमारी की सूचना लीक हो गई और दोनों आरोपी भाई भाग निकले। अब पुलिस कैफे की लोकेशन, मालिकाना हक, ग्राहकों की सूची, आने-जाने वालों की पहचान और वहां चल रही गतिविधियों की जांच कर रही है।

पुलिस को हाल के महीनों में हुई गिरफ्तारियों से यह जानकारी मिली है कि झारखंड, मणिपुर, असम और यूपी के सोनभद्र जिलों से बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ बरेली लाए जा रहे हैं। इन पदार्थों में केमिकल मिलाकर उन्हें और नशीला बनाया जाता है, फिर इन्हें जिले के अलावा आसपास के शहरों व अन्य राज्यों में सप्लाई किया जाता है।

इससे पहले इज्जतनगर पुलिस और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में फतेहगंज पश्चिमी और सीबीगंज के छह तस्कर पकड़े गए थे। बारादरी थाना क्षेत्र में भी ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था, जिसमें झारखंड से ट्रेन द्वारा अफीम मंगाई गई थी। साथ ही सोनभद्र से ट्रकों के जरिये डोडा चूरा तस्करी के संकेत भी मिले हैं। पुलिस अब इस नेटवर्क की गहराई से जांच में जुट गई है।

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