ट्रांसमिशन नेटवर्क सुधार से उद्योगों और आम उपभोक्ताओं को होगा फायदा: मुख्य सचिव

 


देहरादून: मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में पिटकुल (पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड) की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मानसून के दौरान पारेषण तंत्र के सुचारू संचालन को लेकर चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पिटकुल मानसून के समय स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का पूर्णतः पालन सुनिश्चित करे और लाइन ब्रेकडाउन की स्थिति में तत्परता से ब्रेकडाउन एनालिसिस करते हुए विद्युत आपूर्ति निर्बाध बनाए रखे।

मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि सभी परियोजनाएं तय समय-सीमा के भीतर पूरी की जाएं और उनकी लागत किसी भी परिस्थिति में न बढ़े। उन्होंने यह निर्देश भी दिया कि पिटकुल द्वारा तैयार किए जा रहे मास्टर प्लान की समीक्षा पहले केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) से अवश्य कराई जाए, ताकि कार्य योजनाएं तकनीकी दृष्टि से मजबूत हों।

बैठक में भूमि अधिग्रहण संबंधी विषयों पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि लाइन विस्तारीकरण और नए सब-स्टेशनों की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव सरकार को नवीनतम मानकों के अनुरूप भेजे जाएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे स्वयं निर्माणाधीन विद्युत जेनरेशन प्लांट्स और सब-स्टेशनों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।

पिटकुल के प्रबंध निदेशक पी.सी. ध्यानी ने बैठक में बताया कि वर्ष 2024-25 में पिटकुल की रेटिंग A से बढ़ाकर A++ हो गई है, जिससे पिटकुल को मिलने वाले ऋण पर 0.50% की ब्याज छूट मिलेगी। इसका लाभ अंततः राज्य के उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली दरों के रूप में मिलेगा।

उन्होंने जानकारी दी कि बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं के अंतर्गत एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) द्वारा वित्तपोषित छह पारेषण प्रोजेक्ट – 220 केवी सेलाकुई, 132 केवी खटीमा, 132 केवी लोहाघाट (चंपावत), 132 केवी धौलाखेड़ा (नैनीताल), 132 केवी आराघर और 220 केवी मंगलौर – वर्ष 2026 तक पूरे हो जाएंगे। इन परियोजनाओं के पूरा होने से लो वोल्टेज और बार-बार बिजली ट्रिपिंग की समस्या से निजात मिलेगी, जिससे उद्योगों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा।बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, मुख्य अभियंता अनुपम सिंह, इला पंत, कमलकांत और महाप्रबंधक (वित्त) मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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