बिजली व्यवस्था में एआई और स्मार्ट मीटरों का होगा प्रयोग, 3 से 5 वर्षों की कार्ययोजना जल्द

 


देहरादून :  मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लक्ष्यों को निर्धारित करते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यूपीसीएल को आगामी 3 से 5 वर्षों के लिए विस्तृत कार्ययोजना भी प्रस्तुत करनी होगी।

मुख्य सचिव ने जोर देकर कहा कि कार्पोरेशन के कार्यों में आधुनिकतम तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का समुचित प्रयोग किया जाए, जिससे कार्य दक्षता बढ़े और क्षति को न्यूनतम किया जा सके। उन्होंने खराब हो चुके ट्रांसफॉर्मरों को बदलने में लगने वाले समय को लगातार कम करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सीएम हेल्पलाइन और 1905 नंबर पर मिलने वाली विद्युत संबंधी शिकायतों—जैसे टूटे, टेढ़े खंभे या लटकी हुई तारों—पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने राज्यभर में विद्युत खंभों और तारों की स्थिति का सर्वेक्षण कर उन्हें मिशन मोड में सुधारने के निर्देश भी दिए।

बैठक में उन्होंने यूपीसीएल के संचालन एवं रखरखाव खर्च को कम करने के लिए थर्ड पार्टी विश्लेषण कराने की आवश्यकता बताई। साथ ही, वितरण हानियों को घटाने के लिए लगातार सुधार कार्य करते रहने को कहा। उन्होंने एग्रीगेट टेक्नीकल एंड कमर्शियल लॉसेज (एटीएंडसी) को भी धीरे-धीरे कम करने पर बल दिया।

बैठक में ऊर्जा भंडारण के लिए बैटरी स्टोरेज जैसे वैकल्पिक उपायों पर भी विचार करने की बात कही गई। उन्होंने निर्देश दिए कि थ्री फेज एचटीसीटी और एलटीसीटी कनेक्शन, फीडर और डीटी मीटर को स्मार्ट मीटरों में शीघ्र परिवर्तित किया जाए।

यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि बीते तीन वर्षों में उत्तराखण्ड की इनपुट ऊर्जा में वृद्धि हुई है तथा वितरण हानियों में निरंतर कमी आई है। बिलिंग दक्षता और संग्रहण प्रणाली में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद उत्तराखण्ड का एटीएंडसी लॉस राष्ट्रीय औसत से बेहतर है, और इस मामले में केवल पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश ही आगे हैं।बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम सहित यूपीसीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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