हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज रहा धाम, भक्ति में डूबे श्रद्धालु
इन दिनों पवित्र केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जो अपनी आध्यात्मिक भावनाओं को व्यक्त करने के लिए यहां आ रहे हैं। चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 10 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु चुनौतीपूर्ण पहाड़ी रास्ते को पार कर बाबा के चरणों में पहुंच रहे हैं। मंदिर परिसर में शाम की आरती के समय भक्ति का अद्भुत वातावरण देखने को मिलता है। हजारों श्रद्धालु एक साथ आरती में सम्मिलित होते हैं और “हर-हर महादेव” के जयघोष से वातावरण गूंज उठता है।
इस बार यात्रा में प्रशासन ने दर्शन प्रक्रिया को अधिक सुगम बनाने के लिए टोकन सिस्टम लागू किया है। इससे श्रद्धालुओं को कम समय में दर्शन का अवसर मिल रहा है और व्यवस्था पहले की तुलना में अधिक सुचारू हुई है। बाबा केदारनाथ के कपाट 2 मई को आम श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे और तब से अब तक रिकॉर्ड संख्या में भक्त दर्शन कर चुके हैं।
यात्रा के दौरान मौसम की कई चुनौतियां भी सामने आ रही हैं, जैसे बारिश, बर्फबारी और ठंड, लेकिन आस्था पर इनका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। प्रशासन ने यात्रा मार्ग, टेंट व्यवस्था, चिकित्सा सेवाएं और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाया है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए यात्रा मार्ग में कई मेडिकल पोस्ट, एंबुलेंस और चिकित्सकों की टीम तैनात की गई है। टेंट और रात्रि विश्राम की व्यवस्था भी अधिक व्यवस्थित है, जिससे यात्रियों को आरामदायक सुविधा मिल रही है।
श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए इस बार मंदिर को दिन-रात दर्शन के लिए खोला गया है। इससे हर समय श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर पा रहे हैं और गर्भगृह तक पहुंचने में अब पहले की तुलना में बहुत कम समय लग रहा है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से CCTV निगरानी, निगरानी दल और सेवा दल की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की गई है।
कई श्रद्धालु परिवार सहित यात्रा पर हैं, जिनमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। अनेक भक्त पैदल यात्रा कर रहे हैं, जबकि कुछ घोड़े, खच्चर और डंडी की सहायता से धाम तक पहुंच रहे हैं। उनका उत्साह और श्रद्धा हर कठिनाई को पार करने की प्रेरणा दे रही है। हर चेहरे पर भक्ति का तेज और बाबा के दर्शन की संतुष्टि की झलक साफ नजर आ रही है।
केदारनाथ धाम की यह यात्रा न केवल आस्था का प्रतीक बन गई है, बल्कि प्रशासन और तीर्थ यात्रियों की सहभागिता का उदाहरण भी बन रही है। समर्पण, सेवा और श्रद्धा के इस संगम ने केदारनाथ को एक बार फिर जीवंत कर दिया है, जहां हर क्षण दिव्यता से परिपूर्ण है।
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