उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटलाइजेशन तेज, 3030 इकाइयों का पंजीकरण

 


देहरादून: राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण देहरादून में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के अंतर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता राज्य मिशन निदेशक और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी ने की। उन्होंने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि एबीडीएम के निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए, ताकि प्रदेश के सभी नागरिकों को डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।

बैठक में खास तौर पर "स्कैन एंड शेयर" सुविधा को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया गया। इस सुविधा के ज़रिए मरीजों को अस्पतालों की लंबी कतारों से मुक्ति मिल सकती है और इलाज की प्रक्रिया सरल और तेज़ हो सकती है। रीना जोशी ने कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में यह व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए और इसके लिए सभी आवश्यक तकनीकी एवं प्रशासनिक कदम तत्काल प्रभाव से उठाए जाएं।

बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा “माइक्रोसाइट्स प्रोजेक्ट” के तहत निजी चिकित्सा इकाइयों को डिजिटल नेटवर्क से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। इस योजना का उद्देश्य यह है कि छोटे अस्पताल, क्लीनिक, प्रयोगशालाएं, फार्मेसी, ब्लड बैंक और डायलिसिस केंद्रों जैसी निजी चिकित्सा सेवाओं को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जा सके, ताकि इन संस्थानों में आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड, दवाएं और उपचार इतिहास डिजिटल रूप में सहेजे जा सकें।

वर्तमान में यह प्रोजेक्ट चार प्रमुख जिलों—देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर—में लागू किया जा चुका है। इन जिलों में अब तक 3030 निजी चिकित्सा इकाइयों का डिजिटल पंजीकरण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त 3728 चिकित्सा कार्मिकों का, जिनमें डॉक्टर और नर्सें शामिल हैं, डिजिटल रूप से पंजीकरण भी किया गया है। इन पंजीकृत इकाइयों के माध्यम से अब तक करीब 4.76 लाख हेल्थ रिकॉर्ड्स को डिजिटल रूप से संकलित किया जा चुका है, जो डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावशाली विस्तार को दर्शाता है।

रीना जोशी ने निर्देशित किया कि माइक्रोसाइट्स प्रोजेक्ट की गति को और तेज किया जाए, ताकि प्रदेश के शेष जनपदों में भी जल्द से जल्द डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित विस्तार सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल न केवल रोगियों की सुविधा के लिए आवश्यक है, बल्कि इससे सरकारी व निजी स्वास्थ्य संस्थानों के बीच तालमेल और डेटा साझा करने की प्रक्रिया भी सुदृढ़ होगी।

इस बैठक में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक (वित्त) अभिषेक आनंद, निदेशक (प्रशासन) डॉ. विनोद टोलिया, अपर निदेशक (प्रशासन) निखिल त्यागी, अपर निदेशक (आईटी) अमित शर्मा समेत एबीडीएम से जुड़े अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने विभिन्न जिलों में एबीडीएम के तहत चल रही योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की।

कुल मिलाकर यह समीक्षा बैठक प्रदेश में डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई, जिससे यह उम्मीद जगी है कि उत्तराखंड आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में तकनीकी क्रांति के एक नए युग में प्रवेश करेगा।

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