ड्रोन और उपग्रहों से निगरानी, भारतीय सेनाओं की चौकसी से घबराया पड़ोसी

 


नई दिल्ली : देश की सुरक्षा को लेकर इसरो और भारतीय सशस्त्र बलों ने मिलकर रणनीतिक और तकनीकी स्तर पर बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। इसरो के वरिष्ठ अधिकारी वी नारायणन ने खुलासा किया कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 से अधिक उपग्रह चौबीसों घंटे सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि देश की 7,000 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा और उत्तरी क्षेत्रों की निगरानी उपग्रह और ड्रोन तकनीक के जरिए की जा रही है।

इस बयान के कुछ ही समय बाद, भारतीय सेना ने बताया कि 11-12 मई की रात जम्मू-कश्मीर और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अपेक्षाकृत शांति रही। यह शांति हाल के दिनों में पाकिस्तान द्वारा की गई भारी गोलाबारी और ड्रोन हमलों के बाद आई है। सेना ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई को शुरू किए गए जवाबी हमलों में पाकिस्तान और पीओके में स्थित 11 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया है।

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में भारतीय सेना ने यह व्यापक अभियान चलाया था। इस दौरान पाकिस्तान की ओर से आईबी और एलओसी पर भारी गोलाबारी की गई, जिसका भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने सफलतापूर्वक जवाब दिया।रविवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, नौसेना संचालन महानिदेशक वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद और वायु संचालन महानिदेशक एयर मार्शल ए के भारती ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख उपलब्धियों की जानकारी दी।

घई ने बताया कि पाकिस्तान के डीजीएमओ के साथ हुई बातचीत के बाद 10 मई की शाम 5 बजे से सीमा पार गोलीबारी और घुसपैठ बंद करने पर सहमति बनी थी। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने कुछ ही घंटों में इस समझौते का उल्लंघन कर दिया, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया।घई ने कहा, “हमने 12 मई को दोपहर 12 बजे आगे की बातचीत करने का निर्णय लिया है, जिससे शांति को दीर्घकालिक रूप से कायम रखा जा सके।”भारतीय रक्षा तंत्र की यह मुस्तैदी एक बार फिर साबित करती है कि चाहे सीमा पर तनाव हो या आतंकवाद की चुनौती, देश की सुरक्षा के लिए हर मोर्चे पर ठोस कार्रवाई की जा रही है।

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