चार धाम यात्रा: अबतक चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने की यात्राः सीएम धामी
देहरादून: हमारी सरकार यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चार धाम यात्रा 2025 आधिकारिक तौर पर 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन वैदिक मंत्रोच्चार और अनुष्ठानों के बीच गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई थी। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को और बद्रीनाथ के कपाट 4 मई को खोले गए थे।उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा जारी है। उत्तराखंड में देश भर से श्रद्धालु चार धाम( केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) की यात्रा करने पहुंच रहे है। चार धाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को उत्तराखंड में बड़ी संख्या में स्वागत किया जा रहा है। देश में जारी तनाव के बीच राज्य सरकार सुनिश्चित कर रही है कि सुरक्षा उपायों को लेकर जनतो को आश्वस्त किया जाए।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार बताया कि बीते नौ दिनों में ही चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारों धाम के दर्शन किए है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु चार धाम यात्रा के लिए देवभूमि उत्तराखंड पहुंचते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।’’ चार धाम यात्रा 2025 आधिकारिक तौर पर 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन वैदिक मंत्रोच्चार और अनुष्ठानों के बीच गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई थी। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को और बद्रीनाथ के कपाट 4 मई को विधि विधान के साथ खोले गए थे।इससे पहले मंगलवार को एक अधिकारी ने बताया कि केदारनाथ यात्रा में घोड़ों और खच्चरों के इस्तेमाल पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रशासन ने यहां कुछ घोड़ों और खच्चरों की मौत की सूचना मिलने पर यह कदम उठाया।
पशुपालन सचिव (उत्तराखंड) बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा, "कल आठ घोड़े और खच्चर मरे थे, जबकि आज छह की मौत हो गई। हम इसके पीछे का कारण जानना चाहते थे। कल केंद्र से एक टीम भी मौतों के कारणों की जांच करने आएगी।"इसके अतिरिक्त, सीएम धामी ने 3 मई को कहा कि केदारनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने श्रद्धालुओं को त्वरित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई है। रुद्रप्रयाग जिला आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है, इसलिए जिले में अलग से मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया गया है। केदारपुरी में बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब मुफ्त वाईफाई की सुविधा मिलेगी। श्रद्धालुओं ने इस पर खुशी जताते हुए सरकार और जिला प्रशासन का आभार जताया है।
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