झूठी पहचान, साधु का वेश… और अंदर छिपा था एक खूनी डॉक्टर
अलीगढ़/राजस्थान/दिल्ली : दिल्ली पुलिस के हाथ लगे एक कुख्यात सीरियल किलर डॉ. देवेंद्र शर्मा ने पूछताछ के दौरान जो खुलासे किए, उन्होंने पुलिस और आमजन – दोनों को हैरान कर दिया है। आयुर्वेदिक डॉक्टर से हत्यारा बने 67 वर्षीय देवेंद्र शर्मा ने बताया कि वह किडनी ट्रांसप्लांट के बाद शवों को उत्तर प्रदेश के कासगंज स्थित हजारा नहर में फेंक देता था, ताकि मगरमच्छ उन्हें खाकर सबूत मिटा दें।
मगरमच्छों का इस्तेमाल सबूत मिटाने में!
डॉ. शर्मा ने स्वीकार किया कि उसने कई लोगों की हत्या के बाद उनके शव नहर में फेंके, ताकि जांच की कोई गुंजाइश न बचे। पुलिस के अनुसार, यह नहर जिले के कई इलाकों से होकर गुजरती है और इसमें बड़ी संख्या में मगरमच्छ रहते हैं। यही कारण है कि नहर आसपास के कांशीराम कॉलोनी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में डर का कारण बनी हुई है। हाल ही में एक मगरमच्छ के कॉलोनी में घुसने से स्थानीय लोगों ने पूरी रात जागकर गुजारी थी।
पैरोल पर फरार, आश्रम में छिपा था पुजारी बनकर
दिल्ली पुलिस ने पिछले साल पैरोल से भागे इस खूंखार अपराधी को राजस्थान के दौसा जिले के एक आश्रम से गिरफ्तार किया था। वहां वह झूठी पहचान के साथ पुजारी के रूप में रह रहा था। पुलिस ने बताया कि आरोपी कई वर्षों से अवैध अंग प्रत्यारोपण रैकेट में लिप्त था और पीड़ितों की हत्या कर उनके शव नहर में डाल देता था।
पुलिस को मिलते रहे हैं अज्ञात शव
स्थानीय पुलिस का कहना है कि हजारा नहर से समय-समय पर अज्ञात शव मिलते रहे हैं। लेकिन अब यह साफ होता जा रहा है कि यह केवल संयोग नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी, जिसके पीछे डॉक्टर देवेंद्र शर्मा जैसे अपराधी थे।
'डॉक्टर डेथ' की आपराधिक पृष्ठभूमि
नाम: डॉ. देवेंद्र शर्मा
पेशा: पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक
उपनाम: 'डॉक्टर डेथ'
मामले: अवैध किडनी ट्रांसप्लांट, सीरियल मर्डर
स्थान: अलीगढ़ निवासी, गिरफ्तार: दौसा (राजस्थान)
यह खुलासा न सिर्फ कानून व्यवस्था की गंभीर चुनौतियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि किस तरह से प्राकृतिक संसाधनों और जीव-जंतुओं का इस्तेमाल अपराध छिपाने के लिए किया जा सकता है।
टिप्पणियाँ