देश की सीमा पर बसे ये गांव हमारे देश के सशक्त प्रहरी: मोदी

 



देहरादून: प्रधानमंत्री केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में पूजा अर्चना करने के बाद अंतिम गांव माणा पहुंचे। समुद्रतल से 10227 फीट की ऊंचाई पर सरस्वती नदी के किनारे बसे माणा गांव में भोटिया जनजाति के करीब 150 परिवार निवास करते हैं। यह गांव अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ.साथ कई अन्य कारणों से भी अपनी अलग पहचान रखता है। जहां गांव की महिलाएं ऊन का लव्वा (ऊन की धोती ) और अंगुड़ी (ऊन का ब्लाउज) पहनती हैं। यहां की महिलाएं हर वक्त अपने सिर को कपड़े से ढककर रखती हैं। किसी भी सामूहिक आयोजन में महिलाएं और पुरुष समूह में पौणा व झुमेलो नृत्य आयोजित करते हैं।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माणा गांव भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है। अब मेरे लिए देश की सीमा पर बसा हर गांव पहला गांव है। पीएम मोदी ने कहा कि देश की सीमा पर बसे ये गांव हमारे देश के सशक्त प्रहरी हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब मैं आया था तो मेरे मुंह से ऐसे ही निकल गया था कि अगला दशक उत्तराखंड का होगा। पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं नई परियोजनाओं के साथ संकल्प को दोहराने आया हूं।

इस दौरान उन्होंने माणा से जुड़ी अपनी 25 साल पुरानी यादों को ताजा किया। प्रधानमंत्री की अगुवाई में माणा गांव के भोटिया जनजाति की महिला व पुरुषों द्वारा पौणा नृत्य और झुमैलो नृत्य भी किया। यह विविध कार्यक्रमों, पूजा और अनुष्ठानों की एक शृंखला है। इसमें सामूहिक पूजा,देवयात्रा,लोकनाट्य,नृत्य,गायन,मेला आदि विविध रंगी आयोजन होते हैं।

 

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