फिर लौट रहा तालिबान का राज,जमाया आधे अफगानिस्तान पर कब्जा

 

 



अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबानियों ने देश में अपना कब्जा करना शुरू कर दिया है। अब खुद अमेरिका ने भी यह बात स्वीकार की है कि अफगानिस्तान में तालिबान का पलड़ा भारी होता जा रहा है। अफगानिस्तान में तालिबानियों और सुरक्षाबलों के बीच जारी हिंसा के बीच अमेरिकी सेना के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क मिले ने बुधवार को कहा कि देश में लगभग आधे जिला मुख्यालय तालिबानी आतंकवादियों के कब्जे में जा चुके हैं। इससे एक बार फिर अफगानिस्तान में दिनोंदिन खराब होती सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि यह अफगानिस्तान की सुरक्षा, अफगानिस्तान सरकार और अफगानिस्तान के लोगों की इच्छाशक्ति एवं नेतृत्व की परीक्षा होगी।यूएस जनरल मिले ने कहा कि अफगानिस्तान के 419 जिला केंद्रों में से अब आधे केंद्रों पर तालिबान का कब्जा है और उसने अभी तक देश की 34 प्रांतीय राजधानियों में से किसी पर कब्जा नहीं किया है, लेकिन वह उनमें से लगभग आधी राजधानियों पर दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा कि तालिबान अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है और इस बीच अफगान सुरक्षा बल काबुल सहित प्रमुख जनसंख्या केंद्रों की सुरक्षा के लिए अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं। मिले ने कहा, 'तालिबान ने छह, आठ, 10 महीनों के दौरान काफी बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया है, इसलिए तालिबान रणनीतिक गति हासिल करता दिख रहा है।उन्होंने बताया कि सिर्फ पिछले महीने ही तालिबान ने अफगानिस्तान के 81 जिला मुख्यालयों पर कब्जा किया है। इससे पहले अफगानिस्तान में मौजूद 15 डिप्लोमैटिक मिशनों और नाटो के प्रतिनिधि ने भी तालिबान से हिंसा रोकने की मांग की थी।पेंटागन ने कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी की प्रक्रिया 95 प्रतिशत पूरी हो चुकी है और यह 31 अगस्त तक पूरी हो जाएगी। मिले के साथ मौजूद अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिकी सेना के प्रयास तालिबान पर नहीं, बल्कि आतंकवादी खतरों से निपटने पर केंद्रित होंगे। बता दें कि काबुल में दूतावास और एयरपोर्ट पर सुरक्षा में लगे जवानों के अलावा लगभग सारे अमेरिकी सैनिकों की वापसी पूरी हो चुकी है।

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