सरकार की तैयारियों से नाखुश हाईकोर्ट का तंज,तीसरी लहर में हमारे बच्चे मरने लगेंगे,तब तैयारियां करेगी उत्‍तराखंड सरकार

 

 


नैनीताल / कोरोना से जंग में सरकार की तैयारियों से नाखुश हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा डेल्टा वैरिएंट एक महीने में पूरे देश में फैल गया था और डेल्टा प्लस वैरिएंट को फैलने में तीन महीने भी नहीं लगेंगे। ऐसे में हमारे बच्चों को बचाने के लिए आप लोग क्या कर रहे हैं। आप सोच रहे हैं कि डेल्टा प्लस वैरियंट आपकी तैयारियां पूरी होने का इंतजार करेगा।बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सचिदानंद डबराल, अनू पंत, रवीन्‍द्र जुगरान, डीके जोशी व अन्य की अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव के तीसरी लहर को लेकर बच्चों के लिए तीन महीने तक विटामिन सी और जिंक आदि की दवाएं देने की दलील पर तीखी फटकार लगाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप बच्‍चों को ये दवा कब खरीद कर देंगे? जब तीसरी लहर आ जाएगी, तब दवाएँ खरीदने की प्रकिया पूरी करेंगे। जिस जीओ को अगले हफ्ते या 30 जून तक जारी करने की बात कह रहे हैं वो जीओ कल क्यों नहीं जारी हो सकता आज शाम पांच बजे तक जारी क्यों नहीं हो सकता? हाई कोर्ट ने कहा कि जब महामारी में वॉर फूटिंग पर काम करने की ज़रूरत है, तब आप लोग ब्यूरोक्रेटिक बाधा पैदा कर काम को बोझिल बनाकर देरी कर रहे हैं।हाई कोर्ट ने कहा कि देहरादून में तीसरी लहर से लड़ने को बच्चों के लिए आपके पास 10 वेंटिलेटर हैं, बताइए 80 बच्चे क्रिटिकल हो गए तो 70 बच्चों को मरने के लिए छोड़ देंगे? कोर्ट ने कहा कि एफिडेविट में आपने माना है कि रुद्रप्रयाग में 11 वेंटिलेटर हैं जिसमें नौ ख़राब हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कोर्ट ने सिर्फ़ ज़िला अस्पतालों की डिटेल माँगी थी हमारे पास मेडिकल कॉलेजों व निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर-आईसीयू के और इंतज़ाम हैं। कोर्ट ने कहा आपको जानकारी देने से किसने रोका है!

बच्चे मरने लगेंगे, तब सरकार की तैयारियां होंगी

हाईकोर्ट ने कहा क्या जब तीसरी लहर में हमारे बच्चे मरने लगेंगे, तब सरकार की तैयारियां होंगी? बच्चों के लिए कितने वार्ड बनाए हैं आपने अब तक? स्वास्थ्य सचिव ने कहा अगली सुनवाई के दौरान बता पाएंगे कितने वार्ड तैयार हो पाएंगे। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि हम बच्चों को मेडिकल कॉलेजों में ट्रीटमेंट देंगे जो मॉडरेट और माइल्ड केस होंगे उन्हीं को ज़िला अस्पतालों में उपचार के लिए रखेंगे। हाईकोर्ट ने कहा टाइमफ्रेम के साथ तैयारियों का स्तर बताइये। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और केरल में डेल्टा प्लस वैरियंट केस आ चुके आपकी तैयारियाँ कहाँ पहुँची।

बाक़ी जिलों के बच्चों का क्या होगा?

चीफ़ जस्टिस ने कहा आप तैयारियों को लेकर समय बताएँ कब तक क्या करेंगे? आपके पास पाँच मेडिकल कॉलेज हैं तो बाक़ी जिलों के बच्चों का क्या होगा? उदाहरण के लिए बताइये बागेश्वर और पिथौरागढ़ के बच्चों के लिए क्या करेंगे? चीफ़ जस्टिस ने कहा कि मान लीजिए मैं पैरेंट हूं और बागेश्वर में रहता हूं, रात्रि को अपने बच्चे को लेकर कहां पहाड़ों में भागूंगा ? हेल्थ सेक्रेटरी ने कहा कोरोना हार्ट अटैक जैसी बीमारी नहीं पहले बुखार होगा दूसरे सिम्टम आएँगे फिर ज़िला अस्पताल से लेकर सुशील तिवारी हॉस्पिटल कर लाया जा सकता है।

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