एमफिल ड्रॉपआउट जुबैर वानी बना नया हिजबुल कमांडर



  •  अनुराग गुप्ता


एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले छह माह में हिजबुल ने तीसरा कमांडर नियुक्त किया है। सुरक्षाबल दो कमांडरों को ढेर कर चुकी है और अब सुरक्षाबलों की गोलियों में तीसरे कमांडर जुबैर वानी का नाम भी दर्ज हो गया है।



 


श्रीनगर /  जम्मू-कश्मीर में अमन, चैन बना रहे इसके लिए सुरक्षाबल लगातार आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करते रहते हैं। पिछले सप्ताह हिजबुल चीफ सैफुल्लाह मीर को सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में मार गिराया था। मई में आतंकी रियाज नायकू के ढेर हो जाने के बाद हिजबुल का कमांडर बनाया गया था लेकिन वह भी मारा गया। अब हिजबुल ने देहरादून कॉलेज के एमफिल ड्रॉपआउट छात्र जुबैर वानी को नया कमांडर बनाया है। 



 


अंग्रेजी समाचार पत्र 'द टाइम्स ऑफ' इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले छह माह में हिजबुल ने तीसरा कमांडर नियुक्त किया है। सुरक्षाबल दो कमांडरों को ढेर कर चुकी है और अब सुरक्षाबलों की गोलियों में तीसरे कमांडर जुबैर वानी का नाम भी दर्ज हो गया है।


एमफिल ड्रॉपआउट जुबैर 31 साल का है और उसने 2018 में हिजबुल को ज्वाइन किया था। उसका परिवार दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले के देहरूना गांव में रहता है। पांच भाई-बहनों में जुबैर वानी ही इकलौता पढ़ा-लिखा व्यक्ति है। 


अशरफ खान को पीछे छोड़ते हुए वानी बना कमांडर


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रियाज नायकू के मारे जाने के बाद अशरफ मौलवी उर्फ अशरफ खान ही हिजबुल का कमांडर बनता क्योंकि वह समूह में सबसे सीनियर है। लेकिन किडनी की समस्या से वह लगातार जूझ रहा है। ऐसे में जुबैर वानी को कमांडर चुना गया।


अशरफ खान की बात की जाए तो वह ए++ कैटेगरी का आतंकवादी है और उसने कई दफा आतंक का रास्ता छोड़ने की भी बात कही थी। 


घाटी से आतंकियों का किया सफाया


सुरक्षाबलों ने लगातार कार्रवाई करते हुए घाटी से आतंकवादियों का सफाया किया है। पिछले छह माह के भीतर सुरक्षाबलों ने हिजबुल के दो कमांडर को मार गिराया है और आगे भी वह हिजबुल की कमर तोड़ने के लिए रणनीति बना रहे हैं। इतना ही नहीं सुरक्षाबलों ने तो घाटी के युवाओं को सही रास्ता भी दिखाया है लेकिन फिर भी आतंकवादी संगठन युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं।


रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि भटके हुए कई युवा सुरक्षाबलों की कोशिशों के बल पर मुख्यधारा में लौट रहे हैं तो कई युवाओं ने एनकाउंटर के बीच में आत्मसमर्पण कर शांति का रास्ता चुना है।


 


Soueces:Prabhashakshi Samachar


 


 


 


 



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