कुट्टू का खाना खाने के बाद फूड प्वाइजनिंग से नहीं इस वजह से बिगड़ी 100 से ज्यादा लोगों की तबीयत


रुड़की में कुट्टू का आटा खाने के बाद बीमार हुए 100 से अधिक लोगों में बीमारी के एक समान लक्षण पाए गए। चौंकाने वाली बात यह है कि सभी को खाद्य पदार्थों से होने वाली फूड प्वाइजनिंग में होने वाली दस्त की शिकायत नहीं बल्कि केमिकल रिएक्शन के चलते शरीर में होने वाले कंपन और घबराहट की शिकायत थी। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि यह आर्गेनो फास्फोरस के लक्षण हैं।सिविल अस्पताल में शनिवार देर रात 15 लोगों को भर्ती किया गया जबकि विनय विशाल नर्सिंग होम में रात में 16 लोग भर्ती किए गए। सुबह होते-होते यह संख्या बढ़कर 42 हो गई। वहीं, भटनागर नर्सिंग होम में आठ लोग भर्ती हुए। देहात क्षेत्रों के निजी नर्सिंग होम में भी दर्जनों लोग पहुंचे। संतोषजनक यह है कि रविवार शाम तक अस्पतालों से 90 फीसदी लोगों को छुट्टी दे दी गई।


अस्पताल पहुंचे सभी मरीजों ने हाथ-पैर में कंपन, चक्कर आने, सिरदर्द और उल्टी की शिकायत की। सीएमओ डॉ. एसके झा ने बताया कि आर्गेनो फास्फोरस कंपाउंड आधारित दवाओं के चलते लोगों के बीमार होने की आशंका है। यह भी हो सकता है कि कुट्टू को कीडे़ से बचाने के लिए जिन दवाओं को रखा गया हो, वह आटे में पिस गई हो। हालांकि, इन सभी आशंकाओं की पुष्टि सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही की जा सकती है।सीएमएस डॉ. संजय कंसल ने बताया कि फूड प्वाइंनिंग में ज्यादातर दस्त की शिकायत होती है, लेकिन किसी भी मरीज ने यह शिकायत नहीं की। केमिकल रिएक्शन के चलते ही हाथ-पैर में कंपन होता है। विनय विशाल नर्सिंग होम में मरीजों की जांच कर रहे डॉक्टर विनय गुप्ता ने बताया कि सभी मरीजों की हालत सामान्य है। दो-चार मरीजों को छोड़कर सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया है।


उन्होंने बताया कि सामान्य प्रिजरवेटिव के प्रयोग के चलते लोगों को सामान्य दिक्कत आई है। इसलिए लोग जल्द स्वस्थ हुए हैं। वहीं, जानकारों कहते हैं कि खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए ज्यादातर लोग गैमक्सिन का प्रयोग करते है। ऐसे में यह भी आशंका है कि ज्यादा मात्रा में गैमक्सिन के प्रयोग के चलते इसका लोगों पर बुरा असर पड़ा हो। सीएमओ डॉ. एसके झा ने बताया कि सही जानकारी सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही मिलेगी। 



Source:AmarUjala


 


 


 


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