डाबर की याचिका पर कार्रवाई, पतंजलि को विज्ञापन रोकने का आदेश
दिल्ली / देहरादून: उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक अहम आदेश में पतंजलि आयुर्वेद को डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक और तुलनात्मक विज्ञापन प्रसारित करने से रोक दिया है। यह आदेश डाबर इंडिया लिमिटेड की ओर से दायर उस अंतरिम याचिका के तहत आया है जिसमें कंपनी ने आरोप लगाया था कि पतंजलि द्वारा जारी किए जा रहे विज्ञापन उनकी प्रतिष्ठित उत्पाद च्यवनप्राश की छवि को धूमिल करने वाले और भ्रामक हैं। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की एकल पीठ ने डाबर की याचिका को स्वीकार करते हुए पतंजलि को तत्काल प्रभाव से इस प्रकार के किसी भी विज्ञापन को प्रसारित करने से रोक लगा दी है। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि डाबर की अंतरिम याचिका में उठाए गए बिंदु विचारणीय हैं और फिलहाल अंतरिम राहत दिए जाने की आवश्यकता है। अदालत ने यह भी कहा कि प्रतिस्पर्धा की आड़ में किसी उत्पाद की छवि को हानि पहुँचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। डाबर का कहना है कि पतंजलि द्वारा जारी किए गए विज्ञापन न केवल भ्रामक हैं, बल्कि वे सीधे तौर पर डाबर च्यवनप्राश को लक्षित कर रहे हैं और आम जनता के बीच गलत संदेश फैलाने का काम कर रहे है...