तालिबान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा में पहला देवबंद दौरा, प्रशासन सतर्क

 


सहारनपुर: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री मौलाना अमीर खान मुत्ताकी आज भारत के प्रतिष्ठित इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद पहुंचे। उनके स्वागत के लिए संस्था प्रशासन ने 15 प्रमुख उलमा की सूची जारी की थी। मुत्ताकी का काफिला दिल्ली से सुबह साढ़े आठ बजे रवाना हुआ और लगभग 12 बजे देवबंद पहुंचा। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र में कड़े इंतजाम किए, ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सुरक्षित रूप से संपन्न हो सके। उनका स्वागत दारुल उलूम की विशालकाय गोलाकार लाइब्रेरी में किया गया।

मौलाना अमीर खान मुत्ताकी अफगानिस्तान में तालिबान शासन के प्रमुख नेताओं में शामिल हैं और वर्ष 2021 में सत्ता संभालने के बाद यह उनकी भारत की पहली यात्रा है। वे छह दिवसीय दौरे पर भारत आए हैं और शुक्रवार को दिल्ली में कई अधिकारियों से मुलाकात कर चुके थे। दारुल उलूम देवबंद में उनका स्वागत कार्यक्रम संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी की देखरेख में आयोजित किया गया। स्वागत समारोह में शामिल 15 प्रमुख उलमा के नाम संस्था द्वारा जारी सूची में दर्ज हैं।

जानकारी के अनुसार, दारुल उलूम में मौजूद महिला पत्रकारों को कार्यक्रम के दौरान परदा करके अलग स्थान पर बैठने की नसीहत दी गई, जिसे संस्था ने परंपरागत व्यवस्था का हिस्सा बताया। मुत्ताकी का काफिला देवबंद पहुंच चुका है और रास्ते में भारी संख्या में मदरसे के छात्रों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। वे शाम चार बजे तक दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इस अवसर पर कहा कि अफगानिस्तान के साथ शैक्षिक और शैक्षणिक संबंध रहे हैं और मुत्ताकी अपने मदार-ए-इल्मी से मिलने आए हैं। इसके बाद वह छात्रों और शिक्षकों से बातचीत करेंगे। दारुल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी ने बताया कि उन्होंने मुत्ताकी के स्वागत की पूरी व्यवस्था कर दी है। उनके आने के बाद उन्हें संस्था का दौरा कराया जाएगा, छात्रों से मुलाकात कराई जाएगी और तीन बजे वे छात्रों को संबोधित करेंगे। उनके भोजन की व्यवस्था भी संस्था के भीतर ही की गई है।

मुत्ताकी के आगमन पर छात्र उत्साहित दिखाई दिए। उन्होंने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया और उनके काफिले संग सेल्फी लेने की होड़ भी लगी रही। दारुल उलूम की लाइब्रेरी में मुत्ताकी ने छात्रों के साथ दौरा हदीस का पाठ पढ़ा। इस दौरान पुलिस-प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा और मदरसा छात्रों को सुरक्षित रखने तथा मार्ग को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

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