गर्भवती महिलाओं की बेहतर देखभाल के लिए एएनसी जांच अभियान तेज

 


देहरादून : स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड में आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में अब तक 80 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की गई है। इन जांचों के माध्यम से मां और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य का आकलन किया गया।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्यभर में चल रहे इन शिविरों में देहरादून जिले में सबसे अधिक 15,728 महिलाओं की जांच की गई। इसके अलावा हरिद्वार में 14,472, ऊधमसिंह नगर में 21,509, नैनीताल में 7,853, टिहरी में 4,650, पौड़ी में 2,375, उत्तरकाशी में 2,556, पिथौरागढ़ में 2,067, अल्मोड़ा में 2,195, चमोली में 2,285, चम्पावत में 1,758, बागेश्वर में 1,131 और रुद्रप्रयाग में 1,936 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई।

शिविरों में गर्भवती महिलाओं की उच्च रक्तचाप, वजन, मधुमेह, एचआईवी, यूरीन और अन्य स्वास्थ्य परीक्षण किए गए। उच्च जोखिम वाली गर्भवस्थाओं की पहचान कर उन्हें विशेष चिकित्सीय सलाह और सोनोग्राफी जांच की सिफारिश की गई। ऐसे मामलों में महिलाओं को विशेष रूप से जागरूक किया गया जिनका पहला प्रसव ऑपरेशन से हुआ हो, जिन्हें पहले गर्भपात हुआ हो, या जो गंभीर एनीमिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह या अन्य किसी बीमारी से पीड़ित हों।

स्वास्थ्य शिविरों में गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार लेने, नियमित दवा सेवन और आयरन-फोलिक एसिड की गोलियों के सेवन के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही हरी सब्जियां, दूध, सोयाबीन, फल, चना और गुड़ खाने की सलाह दी गई।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए राज्य सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जा रहा है और प्रसव पूर्व जांच को पंचायत स्तर तक बढ़ावा दिया जा रहा है।

डॉ. रावत ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की समय पर एएनसी जांच बेहद आवश्यक है, जिससे मां और शिशु की सेहत का समय रहते पता चल सके और संभावित जोखिम से बचा जा सके।

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