"45 मीटर ऊंचाई से गिरे लोहे के ढांचे ने ली नौ जानें, राहत कार्य जारी"
एन्नोर :तमिलनाडु के एन्नोर में स्थित नॉर्थ चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन के निर्माण स्थल पर मंगलवार को हुए एक भयावह हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। इस दुर्घटना में नौ प्रवासी मज़दूरों की मौत हो गई जबकि दस अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह हादसा तब हुआ जब निर्माणाधीन एक मेहराब करीब 30 फीट की ऊँचाई से अचानक गिर गई और उसके नीचे काम कर रहे मज़दूर दब गए। सभी घायलों को तुरंत स्टेनली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एक मज़दूर की हालत नाजुक बनी हुई है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जब यह हादसा हुआ, उस समय सभी मज़दूर निर्माणाधीन इमारत के नीचे खड़े थे और अचानक जिस आधार पर वे खड़े थे, वह ढह गया। हादसे के वक्त जो ढांचा गिरा, वह लगभग 45 मीटर की ऊंचाई से गिरा था, जिससे गिरने वाले मज़दूरों को गंभीर चोटें आईं। मृतकों में सभी मज़दूर असम के रहने वाले बताए जा रहे हैं, जो रोज़गार की तलाश में तमिलनाडु आए थे।
घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि शवों को उनके गृह राज्य तक पहुँचाने की पूरी व्यवस्था की जाए। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दुर्घटना पर दुख प्रकट किया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजन को 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया।
घटना के बाद तमिलनाडु विद्युत बोर्ड के सचिव और टीएएनजीईडीसीओ के अध्यक्ष डॉ. जे. राधाकृष्णन ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और हालात का जायज़ा लिया। मुख्यमंत्री स्टालिन ने बिजली मंत्री एस. एस. शिवशंकर और राधाकृष्णन को दुर्घटनास्थल पर राहत कार्यों की निगरानी के लिए भेजा। आवडी पुलिस आयुक्तालय के अनुसार, हादसे के सही कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। कट्टूर पुलिस स्टेशन ने ठेकेदार के खिलाफ आपराधिक धाराओं में केस दर्ज कर लिया है और निर्माण में हुई संभावित लापरवाही की भी जांच की जा रही है।
इस परियोजना से जुड़े निर्माण कार्य का डिजाइन और कार्यान्वयन बीएचईएल के जिम्मे है। बीएचईएल की भूमिका और उसकी निगरानी प्रक्रियाओं को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। घटना के बाद राज्य की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने भी अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं। अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी, तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. सेल्वापेरुंथगई और अन्य नेताओं ने इस दुर्घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
इस हादसे ने प्रवासी मज़दूरों की सुरक्षा को लेकर फिर से गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। अक्सर देखा गया है कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी होती है, और ऐसे हादसों में जान गंवाने वाले आमतौर पर वे मज़दूर होते हैं जो अपने घरों से दूर, दो वक्त की रोटी के लिए कड़ी मेहनत कर रहे होते हैं। अब सभी की निगाहें जांच पर टिकी हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषियों को सजा मिले और भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो।
टिप्पणियाँ