भारत ने ईरान में रह रहे नागरिकों को जारी की सतर्कता सलाह

 


ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव के चलते भारतीय दूतावास ने तेहरान में रह रहे भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। मौजूदा अस्थिर हालात को देखते हुए दूतावास ने तेहरान में रह रहे छात्रों को सुरक्षा कारणों से शहर से बाहर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि यह पूरी व्यवस्था दूतावास द्वारा समन्वित रूप से की गई है।

विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि यदि उनके पास अपने निजी वाहन या अन्य संसाधन उपलब्ध हैं, तो वे स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तेहरान छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर प्रस्थान करें। इसके अलावा कुछ भारतीयों को आर्मेनिया की सीमा के रास्ते ईरान से बाहर निकालने में भी सहायता दी गई है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि तेहरान स्थित दूतावास लगातार भारतीय समुदाय के संपर्क में है और सभी संभावित सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि चूंकि स्थिति लगातार बदल रही है, इसलिए भविष्य में और भी सलाहें जारी की जा सकती हैं। मंत्रालय ने भारत में भी 24 घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिया है ताकि परिजनों और संबंधित लोगों को त्वरित जानकारी और सहायता प्रदान की जा सके।

तेहरान में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक अपील जारी करते हुए कहा है कि जो भी भारतीय नागरिक अब तक दूतावास के संपर्क में नहीं आए हैं, वे शीघ्र ही अपना स्थान और संपर्क जानकारी उपलब्ध कराएं। इसके लिए कई आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं: +989010144557; +989128109115; +989128109109। इसके अतिरिक्त व्हाट्सएप और कॉल के लिए भारत और ईरान दोनों में कई अन्य नंबर भी सक्रिय किए गए हैं।

यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब इज़राइल और ईरान के बीच लगातार पांचवें दिन भी हमलों का सिलसिला जारी है और क्षेत्र में तनाव चरम पर है। इसी संदर्भ में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी G-7 शिखर सम्मेलन को बीच में छोड़कर वाशिंगटन लौटने का फैसला लिया है, ताकि वह पश्चिम एशिया में उत्पन्न संकट की स्थिति पर ध्यान केंद्रित कर सकें। राष्ट्रपति ट्रंप ने एक पोस्ट में दुनिया को चेतावनी दी: "हर किसी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।"

इस अचानक निर्णय के चलते ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय बैठक भी रद्द करनी पड़ी। प्रधानमंत्री मोदी बैठक के लिए पहले ही सम्मेलन स्थल पर पहुंच चुके थे, लेकिन ट्रंप के आकस्मिक प्रस्थान की घोषणा हो चुकी थी।

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का यह कदम मध्य पूर्व में उत्पन्न संकट की गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “काफी कुछ हासिल हुआ है, लेकिन वर्तमान में राष्ट्रपति का ध्यान पूरी तरह से क्षेत्रीय सुरक्षा पर केंद्रित है।”

राष्ट्रपति ट्रंप ने एक और पोस्ट में ईरान को लेकर तीखा बयान देते हुए लिखा, “ईरान को वह समझौता साइन कर लेना चाहिए था जो मैंने उन्हें बताया था। अब यह अफसोस और मानव जीवन की बर्बादी का समय है। साफ शब्दों में कहूं तो, ईरान फिर वही कर रहा है। और मैं फिर दोहराता हूं—ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए।”इन सभी घटनाओं के मद्देनज़र भारत सरकार पूरी सतर्कता के साथ काम कर रही है और ईरान में रह रहे प्रत्येक भारतीय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

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