दुश्मन की हर चाल नाकाम, भारतीय एयर डिफेंस ने बढ़ाया देश का मान

 


नई दिल्ली :  बीती रात भारत ने अपनी वायु रक्षा क्षमता का शानदार प्रदर्शन करते हुए दुश्मन के सभी हवाई हमलों को नाकाम कर दिया। इस घटना ने पूरे देश को गौरवान्वित कर दिया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत तकनीकी रूप से अब बेहद मज़बूत और सक्षम हो चुका है।

आधुनिक युद्धों में आकाश पर नियंत्रण बेहद महत्वपूर्ण हो चुका है और ऐसे में एयर डिफेंस सिस्टम किसी भी देश की सुरक्षा के लिए रीढ़ की हड्डी बन गया है। बुधवार-गुरुवार की रात को पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों को नाकाम करने वाली भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने यह साबित कर दिया कि देश की सीमाएँ सुरक्षित हाथों में हैं।

भारतीय वायु रक्षा प्रणाली का प्राथमिक उद्देश्य आसमान से आने वाले ख़तरों को निष्क्रिय करना है — चाहे वो दुश्मन के लड़ाकू विमान हों, ड्रोन हों या मिसाइलें। यह प्रणाली रडार, कंट्रोल सेंटर, रक्षात्मक लड़ाकू विमान, ज़मीन आधारित मिसाइलें, तोपखाना और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों का समन्वय करती है।

तीन स्तंभों पर टिकी है वायु रक्षा प्रणाली

  1. खतरे का पता लगाना: रडार और उपग्रहों के माध्यम से आसमान में दुश्मन की गतिविधियों की निगरानी की जाती है। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडियो तरंगें भेजकर रडार वस्तुओं की दूरी, गति और प्रकार की जानकारी इकट्ठा करता है।

  2. खतरे पर नज़र रखना: केवल पहचान ही काफी नहीं, उस पर लगातार नज़र रखना भी ज़रूरी है। इसके लिए रडार, इंफ्रारेड कैमरे और लेज़र रेंजफाइंडर का उपयोग किया जाता है, ताकि एक साथ कई लक्ष्यों की सटीक ट्रैकिंग की जा सके।

  3. खतरे का प्रतिरोध करना: एक बार दुश्मन की गतिविधियों की पहचान और निगरानी हो जाने के बाद उन्हें निष्क्रिय करना आवश्यक होता है। इसमें इंटरसेप्टर फाइटर जेट, ज़मीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम अहम भूमिका निभाते हैं।

भारत के पास शक्तिशाली हथियार
भारतीय वायु सेना के पास मिग-21 बाइसन, मिग-29, सुखोई सु-30MKI, तेजस और राफेल जैसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान मौजूद हैं, जो दुश्मन के विमानों को रोकने और गिराने में सक्षम हैं। इसके अलावा, ज़मीन आधारित S-400, आकाश मिसाइल और MANPADS जैसी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियाँ हमारी वायु सुरक्षा की रीढ़ हैं।

ड्रोन और कम ऊँचाई पर उड़ने वाली वस्तुओं के लिए वायु रक्षा तोपखाना भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणालियाँ दुश्मन की संचार और रडार प्रणालियों को बाधित करने में कारगर होती हैं।

बीती रात की सफलता से यह स्पष्ट है कि भारत की वायु रक्षा प्रणाली विश्व स्तरीय है और देशवासियों को अपनी सेना पर गर्व करने का एक और कारण मिल गया है। भारतीय सेना की सतर्कता और कुशलता ने साबित कर दिया कि राष्ट्र की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

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