चारधाम यात्रा: शीतकाल में तीर्थ यात्रियों की संख्या 54 लाख से ऊपर

 


देहरादून: मानसून की विदाई होने के बाद अक्टूबर में चारधाम यात्रा ने जो रफ्तार पकड़ी थी,वो शीतकाल में भी बदस्तूर जारी है। अभी भी रोजाना 20 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री चारधाम में दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। जबकि, बीते वर्षों में शीतकाल में यात्रा को लेकर ऐसा उत्साह नजर नहीं आता था। इस सीजन में चार धाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 54 लाख पार कर चुकी है। आपको बता दें कि चाररधाम यात्रा 18 नवंबर तक चलती रहेगी। ऐसे में इस बार चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 60 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।

पिछले वर्ष 46.29 लाख श्रद्धालु चारधाम पहुंचे थे। यात्रियों की बढ़ती संख्या से श्री बदरीनाथ.केदारनाथ मंदिर समिति भी उत्साहित है। गौरतलब है कि शीतकाल के लिए चारों धाम के कपाट इसी माह बंद होने हैं। गंगोत्री के कपाट 14 नवम्बर केदारनाथ व यमुनोत्री के कपाट 15 और बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद किए जाएंगे। इस वर्ष गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल, केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल और बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले गए थे। कपाट खुलने के बाद से ही चारों धाम के दर्शन को लेकर तीर्थ यात्रियों में उत्साह रहा है।

बहरहाल, चारधाम यात्रा अपने अंतिम चरण में है। अब तक 54 लाख 24 हजार चार सौ तैंतीस श्रद्धालु चारों धाम में दर्शन कर चुके हैं। सबसे अधिक 19.07 लाख यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे हैं, जबकि बदरीनाथ धाम की 17.18 लाख यात्रियों ने यात्रा की है। यमुनोत्री में 7.28 लाख और गंगोत्री में 8.92 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।

जैसा कि आप जानते ही हैं कि उत्तराखण्ड में साल 2013 में आई भीषण आपदा के चलते चार साल तक चारधाम यात्रा पूरी तरह प्रभावित रही। साल 2018 और साल 2019 में यात्रा पटरी पर लौटने लगी थी लेकिन फिर दो साल तक कोरोना का कहर रहा। साल 2022 में यात्रा पटरी पर लौटी और इस सीजन में यात्रा ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसका मुख्य कारण केदारपुरी और बदरीशपुरी के पुनर्निर्माण के साथ चारों धाम में यात्री सुविधा अच्छी होने को भी माना जा रहा है।

टिप्पणियाँ