प्रेमी की खातिर पति की गला रेतकर कराई हत्या,कोर्ट ने सुनाई मौत की सज़ा

 


सीरियल किलर की खौफनाक कहानियां लोगों ने बहुत सुनी और पढ़ी हैं, लेकिन सीरियल लवर के बारे में कम ही जानते हैं। सीरियल लवर,किलर से ज्यादा खतरनाक होते हैं।क्योंकि किलर का एकमात्र उद्देश्य किसी की हत्या करना होता है।लेकिन सीरियल लवर पहले प्यार करते हैं, फिर जब जी भर जाता है, तो नए पार्टनर की तलाश कर लेते हैं और पुराने को मौत की नींद सुला देते हैं। एक ऐसी ही सीरियल लवर जो रहती तो इंग्लैंड में थी, लेकिन उसे उसके कारनामों की सजा हिंदुस्तान में मिली है। जी हां, हम बात कर रहे हैं इंग्लैंड के डर्बीशायर की रहने वाली रमनदीप कौर मान के बारे में, जिसे उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर की जिला अदालत ने मौत की सजा सुनाई है।

इस केस में रमनदीप कौर मान के प्रेमी गुरुप्रीत सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इतना ही नहीं जिला न्यायालय ने दोनों पर भारी जुर्माना भी लगाया है। रमनदीप पर 5 लाख और गुरुप्रीत पर 3 लाख का जुर्माना भी लगा है। दरअसल, रमनदीप ने अपने पति सुखजीत सिंह की हत्या की थी। इसमें उसके प्रेमी गुरुप्रीत ने उसका साथ दिया था। इस हत्याकांड की कहानी सबसे पहले इंग्लैंड से शुरू होती है। साल 2004 की बात है। यूपी के शाहजहांपुर के बसंतापुर गांव के रहने वाले सुखजीत सिंह ड्राइवर की नौकरी के लिए इंग्लैंड गए थे। वहां उनकी मुलाकात रमनदीप कौर से हुई, जो इंग्लैंड के डर्बीशायर शहर में ही पैदा हुई और पली-बढ़ी है।

पति की दाढ़ी और पहनावा नापसंद था

सुखजीत और रमनदीप एक-दूसरे से प्यार करने लगे। सुखजीत ने इंग्लैंड की नागरिकता पाने की लालच में रमनदीप से शादी कर लिया। हालांकि, वो उसकी आदतों से वाकिफ था कि वो नशे की आदी है। उसे जिस्मानी सुख पाने की लत है। शादी के कुछ दिनों तक तो सब ठीक रहा, लेकिन बाद के दिनों में रमनदीप अपने पति से नाखुश रहने लगी। वो कभी उसके पहनावे को लेकर कोसती, तो कभी उसकी दाढ़ी की बुराई करती। वो अक्सर उस पर दबाव बनाती कि अपनी दाढ़ी हटा ले। इसी बीच सुखजीत के बचपन के दोस्त गुरुप्रीत का उसके घर आना-जाना बढ़ गया। सुखजीत के ट्रक लेकर बाहर जाते ही वो उसके घर आ जाता। इस तरह रमनदीप और गुरुप्रीत के बीच जिस्मानी संबंध बनने लगे थे।

प्रेमी की मदद से पति का गला रेत दिया

अपने प्रेमी गुरुप्रीत के प्यार में पागल रमनदीप ने अपने पति से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए एक खौफनाक प्लान बनाया। साल 2016 में वो अपने पति और दो मासूम बेटों के साथ अपने ससुराल शाहजहांपुर के बसंतापुर गांव आ गई। गांव के बाहर बने अपने फार्म हाऊस में परिवार के साथ रहने लगी। 1 सितंबर 2016 की रात उसने बिरयानी बनाई। उसमें नशीला पदार्थ मिलाकर अपने पति, बच्चों और दो कुत्तों को खिला दिया। कुत्तों की कुछ घंटों बाद ही मौत हो गई। पति सुखजीत और एक बेटा बेहोश हो गया, लेकिन एक बेटे ने बिरयानी नहीं खाई थी, वो आंखें बंद करके चुपचाप पड़ा रहा। इसके बाद रमनदीप ने तकिए से अपने पति का मुंह दबा दिया। गुरुप्रीत हथौड़े से उसके सिर पर तेजी से मारा।

बेटा सोने का नाटक कर सब देखता रहा

सुखजीत के सिर से खून का फौव्वारा बहने लगा। लेकिन रमनदीप का मन इतने से भी नहीं भरा। उसके प्रेमी ने उसे एक चाकू दिया। उसने उस चाकू से सुखजीत का गला रेत दिया। ये पूरी खौफनाक वारदात उसके बेटे आर्यन के होश में हो रही थी। वो चुपके से सब देख रहा था, लेकिन डर के मारे उसके मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी। यही वजह है कि उसकी जान बच गई। अगले दिन रमनदीप ने नाटक किया कि उसके घर अनजान लोगों ने हमला किया था, जिसमें उसके पति की जान चली गई। हालांकि, स्थानीय पुलिस की जांच में शक के आधार पर रमनदीप और गुरुप्रीत को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। इधर सुखजीत के दोनों बच्चों को उनकी बुआ के पास इंग्लैंड भेज दिया गया था।

बेटे की गवाही ने दिलाई मौत की सजा

रमनदीप और गुरुप्रीत ने सबकुछ योजनाबद्ध किया था, इसलिए उनके खिलाफ मजबूत सबूत नहीं थे। यही वजह है उनकी गिरफ्तारी के एक साल बाद ही उनको जमानत मिल गई थी। लेकिन केस क्लोज होने तक देश छोड़ने की इजाजत नहीं थी। इसी बीच सुखजीत और रमनदीप के छोटे बेटे ने अपनी बुआ को पूरी दास्तान सुना दी। उसकी बातें सुनकर हर कोई स्तब्ध रह गया। कोर्ट में सुखजीत के परिजनों की तरफ से आर्यन की गवाही की बात कही गई। लेकिन रमनदीप अपने पिता के जरिए उसे किसी तरह इंग्लैंड में ही रोकने की कोशिश करने लगी। हालांकि, आर्यन हिंदुस्तान पहुंच गया। उसने शाहजहांपुर कोर्ट में जाकर अपनी मां और उसके प्रेमी के खिलाफ गवाही दे दी, जिसके आधार पर उन्हें सजा हुई है।
22 वकील बदले, न निर्दोष हुई, न पैसा मिला

एनआरआई रमनदीप कौर ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए एक के बाद एक 22 वकील बदले थे। वो महंगे से महंगा वकील कोर्ट में खड़ा करके खुद को निर्दोष साबित करवाना चाहती थी। लेकिन उसके सामने मजबूत सत्य खड़ा था। उसके लाख चाहने के बावजूद उसकी बेगुनाही साबित नहीं हो पाई। कोर्ट ने उसे मौत की सजा जरूर सुना दी। ऊपर से जुर्माना अलग से लगा दिया है। मरने के साथ पैसा भी देना होगा। पैसे पर भी उसकी नजर थी। वो अपने पति की हत्या करके उसके इंश्योरेंस क्लेम करना चाहती थी। उसने किया भी था। सुखजीत की मौत के तुरंत बाद इंग्लैंड में करीब 54 करोड़ रुपए का इंश्योरेंस क्लेम कर दिया था। लेकिन एक कहावत है ना, न खुदा ही मिला न विसाले सनम।

मृतक की मां ने कहा- मुझे इंसाफ मिला है!

बेटे को कोर्ट से न्याय मिलने पर सुखजीत सिंह की मां अंश कौर ने कहा, ''मैं चाहती थी कि रमनदीप कौर को फांसी की सजा हो वरना उनके लोग कहते थे कि यहां की पुलिस पैसे लेती है और छोड़ देती है। लेकिन दोषी को फांसी की सजा मिलने से आज मुझे इंसाफ मिला है। मैं न्यायालय और पुलिस की शुक्रगुजार हूं।'' मृतक की बहन सुरजीत कौर का कहना है कि उन्हें अपना भाई तो नहीं मिल सकता लेकिन इस बात की खुशी है कि दोषियों को सजा मिली है। उनके भाई को इंसाफ मिला है। बता दें कि मृतक सुखजीत अपनी मां का इकलौता बेटा था। अपने परिवार की बेहतर जिंदगी के लिए वो इंग्लैंड गया था, ताकि वहां से पैसे कमाकर अपने घर भेज सके। लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर था।

 

Sources:AajTak

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