कलयुगी पिता का नहीं पसीजा दिल,कर दी दो मासूम बेटियों की हत्या

 


देहरादून: बेटा या बेटी दोनो एक समान हें। जहां हमारे देश में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देकर लोगों को जागृत करने में लगी हुई है वहीं दूसारी तरफ बेटियांें की जान दरिंदों के हाथों में हैं। जरूरी नहीं दरिंदा कोई गैर हो जब पिता ही दरिंदा बन जाये तो फिर बेटियों की जान कौन बचाये। आज जब चिकित्सा विज्ञान ने लोगों को अवेयर किया है लेकिन फिर भी बेटा न होंने का दोष पति पत्नि के ऊपर लगा देता है जबकि पत्नि का कोई दोष नहीं होता। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला राजधानी देहरादून में सामने आया है जहां बेटा नहीं होने से नाराज पिता ने दो मासूम बेटियों की गला दबाकर हत्या कर दी और फरार हो गया। घटना के वक्त घर में कोई मौजूद नहीं था। रात करीब साढ़े आठ बजे बच्चियों की दादी घर पहुंचीं दो दरवाजा बाहर से बंद था,दादी ने दरवाजा खोलकर देखा तो अंदर दोनों बहनें अचेत पड़ी थीं। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बच्चियों के गले पर निशान भी मिले हैं। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। उसके बिहार भागने की आशंका जताई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार दिल दहला देने वाली घटना डोईवाला कोतवाली क्षेत्र की केशवपुरी बस्ती की है। कोतवाली प्रभारी ने बताया, शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे पुलिस को सूचना मिली कि वहां एक घर में दो बच्चियां मृत मिली हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की और शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया। कोतवाल ने बताया, बच्चियों की पहचान आंचल ;साढ़े तीन साल, और अनुषा ;डेढ़ साल, पुत्री जितेंद्र साहनी निवासी दरभंगा बिहार के रूप में हुई है। जितेंद्र यहां कबाड़ बीनने का काम करता है।इन दिनों वह दोनों बेटियों और मां दुर्गा देवी के साथ यहां रह रहा था, जबकि उसकी पत्नी रीना झगड़े के कारण घर छोड़कर कहीं चली गई है। जितेंद्र और उसकी मां शुक्रवार को भी काम पर गए थे। रात को जब आरोपी की मां दुर्गा देवी घर वापस आईं तो अंदर का नजारा देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। पुलिस के अनुसार, बच्चियों के गले पर निशान पाए गए हैं।

प्रथमदृष्टया आशंका जताई जा रही है कि गला दबाकर उनकी हत्या की गई है।उधर, पड़ोस में रहने वाली बच्चियों की नानी आशु देवी ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि बेटा नहीं होने के कारण जितेंद्र और उसकी मां उनकी बेटी रीना को आए दिन ताना मारते थे और मारपीट भी करते थे। इससे तंग आकर वह कुछ महीने पहले मायके चली गई थी। वहां से लौटकर आई फिर भी ससुराल वालों का यही रवैया रहा। आखिरकार तंग आकर दो महीने पहले वह घर छोड़कर हैदराबाद चली गई। आरोप है कि शुक्रवार को जितेंद्र ने दोनों बेटियों की हत्या कर दी और फरार हो गया। कोतवाल का कहना है कि मामले में जितेंद्र के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।आशु देवी ने आरोप लगाया कि जितेंद्र अक्सर गुस्से में रहता था। कहता था,बच्चियों के कारण उसकी दूसरी शादी नहीं हो पा रही है। वह उन्हें अक्सर मारने की धमकी भी देता था। कहता था कि रीना नहीं आई तो बच्चियों को नहीं छोड़ूंगा। आए दिन वह अपनी ससुराल पहुंच जाता था और बेटा नहीं होने को लेकर पत्नी से झगड़ा करता था।

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