केदारनाथा धाम के लिए पांचवें चरण की हेली बुकिंग आज से शुरू



देहरादून : आज से केदारनाथा धाम के लिए पांचवे चरण की हेली बुकिंग शुरू हो गई है। इस बार 18 से 27 मई तक 10 दिनों की बुकिंग की जा सकेगी। जानकारी के मुताबिक पहले चार चरणों में अभी तक तकरीबन 17943 टिकटों की बुकिंग हो चुकी है। इसके लिए आज दोपहर 12 बजे आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर बुकिंग विंडो खोली जाएगी। आपको बता दें 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलते ही हेली सेवा भी शुरू हो गई थी।

केदारनाथ धाम के लिए इस वर्ष शुरुआत में आठ हेली कंपनियों को नौ हेलीपैड से हेली सेवा संचालन का जिम्मा दिया गया था। हालांकि केदारनाथ में निरीक्षण को गए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के एक अधिकारी की मृत्यु के बाद इनमें से एक कंपनी के हेलीकाप्टरों का संचालन रोक दिया गया है। ऐसे में अब सात हेली कंपनियां ही सेवाएं दे रही हैं।

शुरुआत से ही तीर्थ यात्रियों में हेली सेवाओं के प्रति खासा उत्साह देखा जा रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जैसे ही हेली टिकट की बुकिंग शुरू हो रही है, देखते ही देखते स्लाट फुल हो जा रहे हैं। तीर्थयात्री http://heliyatra.irctc.co.in पर जाकर बुकिंग कर सकते हैं। इसके लिए पहले चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण जरूर कर लें।

पंजीकरण न होने से नाराज घोड़ा खच्चर संचालकों ने किया प्रदर्शन

वहीं पंजीकरण न होने से नाराज विभिन्न जनपदों के घोड़ा खच्चर संचालक सोनप्रयाग में प्रदर्शन किया तथा धरने पर बैठ गए। घोड़े संचालकों ने आरोप लगाया कि वह पिछले चार दिनों से लाइन में खड़े हैं, लेकिन जिला पंचायत उनका पंजीकरण नहीं कर रहा है। प्र्र्र्र्र्र्र्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं की गई तो आज शुक्रवार से गौरीकुंड में चक्का जाम करेंगे।केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में केदारनाथ के लिए घोड़े खच्चर संचालन करने वालों ने जिला पंचायत के ​खिलाफ प्रदर्शन किया।

खबर है कि भारी संख्या में प्रदर्शनकारी घोड़ा खच्चर संचालक सोनप्रयाग में धरने पर बैठ गए हैं। घोड़ा खच्चर संचालकों का आरोप है कि उन्हें कई दिन से लाइन में खड़े हैं, लेकिन जिला पंचायत द्वारा उनका लाइसेंस नही बनाया जा रहा है। आरोप लगाया कि लाइसेंस बनाने में गड़बड़ी की जा रही है।

वहीं जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ने बताया कि अब तक दो हजार नए पंजीकरण किए जा चुके हैं, कुल सात हजार घोड़े खच्चरों का पंजीकरण तीर्थयात्रियों को ले जाने के लिए किया जा चुका है, अभी भी लगातार बाहरी जनपदों से घोडे व खच्चर आ रहे हैं। इनके पंजीकरण पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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