किसान नेता,मेडिकल चमत्कारऔर फर्जीवाड़े का कलाकार,कानपुर वाले करौली बाबा

 


इन दिनों ये बाबा खूब सुर्खियों में हैं। इनकी बड़ी चर्चा हो रही है। इस बाबा का दावा है कि वो मरीज का दिल, गुर्दा, कलेजी सब बदल देते हैं। जरूरत पड़ने पर बाबा अपनी जगह से ही हज़ारों मील दूर घरवालों के दिमाग में घुसकर किसी भी भक्त का सारा गृह क्लेश एक ही झटके में मिटा देते हैं। और तो और कई बार तो पलक झपकते ही ब्लड कैंसर जैसी नाजुक बीमारी में पूरा का पूरा ब्लड ट्रांसफ्यूजन ही कर डालते हैं।

बाबा के सामने मेडिकल फेल!

बाबा के सामने सारा मेडिकल सिस्टम, सारी पढाई, सारा ज्ञान, सारे रिसर्च, सब फेल हैं। एमबीबीएस, एमडी, एमएस, एफआरसीएस जैसी सारी डिग्रियां तो बस कागज के टुकड़े हैं और तो और अस्पताल, नर्सिंग होम जैसी जगहें महज इमारतें हैं, जहां मरीजों से लूट का कारोबार चल रहा है। अब ऐसे बाबा को अगर कोई खुद ही उसकी मांद में घुस कर चुनौती देने की कोशिश करे और वो भी डॉक्टर हो तो बाबा का आपे से बाहर हो जाना लाजिमी है।

हर बीमारी के इलाज का दावा

बाबा के गुस्से का असर क्या हुआ, ये तो अब तक आप सब जान चुके हैं। लेकिन अब बाबा पर जो-जो और जैसे-जैसे आरोप लग रहे हैं, उन्हें सुन कर तो दिमाग ही घूम जाता है। दैवीय शक्तियों और आध्यात्म की ताकत से लोगों का दुख दर्द दूर करने का दावा करनेवाले बाबा हवन-पूजन के नाम पर इतनी फीस चार्ज करते हैं कि कोई बड़ा से बड़ा डॉक्टर भी क्या करता होगा? लेकिन इससे पहले कि हम बाबा पर लग रहे नए-नए इल्ज़ामों का पिटारा खोलें, आइए सबसे पहले बाबा का शिकार बने एक रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर से मिल लेते हैं।

पूर्व पुलिस अफसर को लगाया चूना

रिटायर्ड दारोगा प्रकाश नारायण भट्ट मध्य प्रदेश के छतरपुर के रहनेवाले हैं। अपनी वर्दी में रहते हुए भट्ट साहब ने न जाने कैसे-कैसे और कितने ही ठगों को सीधा किया है, उन्हें जेल की हवा खिलाई है। लेकिन यहां इलाज के नाम पर भट्ट साहब के साथ खुद ही ठगी हो गई है। भट्ट बताते हैं कि बाबा ने उनकी बीमारी ठीक करने के लिए उनसे 1 लाख 51 हज़ार रुपये ले लिए, लेकिन ना तो उनकी बीमारी ठीक हुई और ना ही उन्हें उनके रुपये वापस मिले। प्रकाश नारायण भट्ट ने ई पेमेंट के ज़रिए कानपुर के करौली सरकार आश्रम को इस रकम का भुगतान किया था।


बाबा के खिलाफ FIR की तैयारी में पूर्व दारोगा

बदले में बाबा करौली सरकार उर्फ संतोष सिंह भदौरिया ने इनसे कहा कि वो हवन करवाते ही सारी बीमारियों से मुक्त हो जाएंगे, लेकिन हवन के बावजूद जब भट्ट साहब का कोई फायदा नहीं हुआ, तो उन्होंने बाबा से शिकायत की। लेकिन बाबा ने उन्हें ये कह कर टरका दिया कि अभी यहां से जाओ, सब ठीक हो जाएगा। रिटायर्ड दारोगा साहब को किडनी स्टोन समेत कई तरह की बीमारियां हैं, खुद उनकी पत्नी को भी सांस की तकलीफ है। लेकिन जो तकलीफ पहले थी, वही तकलीफें अब भी हैं। ऐसे में अब रिटायर्ड दारोगा प्रकाश नारायण भट्ट बाबा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात कह रहे हैं।

सवा लाख देकर भी नहीं मिला फायदा

अब बाबा के खेल-कांटे की एक और केस स्टडी देखिए। झारखंड के देवघर का एक परिवार जनवरी महीने में अपने एक बुजुर्ग सदस्य और मानसिक रूप से बीमार एक बेटे के इलाज के लिए कानपुर के इस करौली सरकार आश्रम में पहुंचा था, यहां इलाज से बीमारी का ठीक होना तो दूर उल्टे आश्रम से परिवार के बुजुर्ग सदस्य ही ऐसे गायब हो गए कि अब तक ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। परिवार का कहना है कि बाबा करौली सरकार के कहने पर उन्होंने हवन के लिए आश्रम में सवा लाख रुपये की पर्ची भी कटवाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिलहाल पीड़ित परिवार ने इस सिलसिले में कानपुर पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कानपुर के वकील ने दी ऐसी ऑफर

अब आइए आपको बाबा के चमत्कार को चुनौती देनेवाली एक और कहानी सुनाते हैं। एक साहब हैं कानपुर के रहनेवाले वकील अनिरुद्ध जायसवाल। वकील साहब का कहना है कि अगर बाबा अपने चमत्कार से उनके उनके बचपन के दोस्त दिलीप जायसवाल के आंख की रौशनी लौट आए, उनके बच्चों की आंख और कान की परेशानियां दूर हो जाएं, तो वो बाबा को ब्लैंक चेक देने के लिए तैयार हैं। वकील साहब का कहना है कि उन्होंने बाबा को खड़े-खड़े लोगों की सारी परेशानियां दूर करने, तमाम बीमारियां दूर करने के वीडियोज देखे हैं। लोगों से भी सुना है, ऐसे में उनके मन में भी जिज्ञासा है कि आखिर ऐसा कैसे मुमकिन है? लिहाज़ा वो अपने साथ अपने दोस्त को भी लेकर आए हैं। वो चाहते हैं कि बाबा अपनी चमत्कारी शक्ति से उनकी परेशानियाां दूर करें, तो वो बाबा को मुंहमांगी रकम देने को तैयार हैं। साथ ही वकील साहब का ये भी कहना है कि अगर बाबा ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें ऐसे दावे नहीं करने चाहिए।

नोएडा के डॉक्टर से मारपीट के बाद खुली पोल

कहने की जरूरत नहीं है कि बाबा का अब तक सिक्का चल रहा था। सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि देश के कोने कोने से लोग यहां बाबा के चमत्कार की उम्मीद लिए पहुंच रहे थे और तो और बाबा के भक्तों में विदेशों से आनेवाले लोगों की भी कमी नहीं थी। लेकिन बाबा के आश्रम में नोएडा के एक डॉक्टर के साथ मारपीट क्या हुई, मानों आश्रम में चल रहे खेल का कच्चा-चिट्ठा ही खुल गया। और बाबा के खिलाफ आरोपों की बौछार शुरू हो गई। हालांकि बाबा जहां इन आरोपों को गलत बताते हैं, वहीं इसे सनातन धर्म के खिलाफ साजिश भी करार देते हैं।


मुसीबत में घिरे बाबा

अपने आश्रम में नोएडा के डॉक्टर को बाउंसरों से पिटवा कर बेशक कानपुर के करौली सरकार बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया फिलहाल मुसीबतों में घिर चुके हों, लेकिन बाबा का अब तक ट्रैक रिकॉर्ड थाना, पुलिस जेल, हवालात, आरोप-प्रत्यारोप इन चीजों से भरा हुआ है। और तो और बाबा कत्ल के आरोप के भी मुल्जिम रहे हैं और इसी इल्जाम में जेल भी जा चुके हैं। इसके अलावा बाबा पर दूसरे इल्जाम भी हैं।

बाबा के पास है ऐशो आराम का सब सामान

लेकिन इसके बावजूद बाबा की बाबागीरी इन दिनों कुछ इतनी शानदार चल रही है कि बाबा अरबों में खेल रहे हैं। भारत से लेकर 17 देशों में बाबा का नेटवर्क फैल चुका है और जैसी भी दुनियावी चीजों की हसरत किसी आम आदमी को हो सकती है, ऐशो आराम की वो सारी चीजें फिलहाल बाबा के पास मौजूद हैं। फिर चाहे वो करोड़ों की दौलत हो, आलीशान आश्रम, बेशकीमती जमीन या फिर लाखों रुपये कीमत वाली हाई एंड कारें। बाबा के पास सबकुछ है।

महत्वाकांक्षी इंसान थे बाबा

अब आगे बाबा के वर्तमान की बात करने से पहले आइए जल्दी से एक बार बाबा के अतीत में झांक लेते हैं। बाबा करौली सरकार उर्फ संतोष सिंह भदौरिया को करीब से जाननेवाले लोग बताते हैं कि बाबा शुरू से ही बहुत महत्वाकांक्षी किस्म के इंसान थे। यही महत्वकांक्षा उन्हें सियासत में खींच लाई थी। वो पहले किसान नेता संत कुमार सिंह के खासमखास रहे फिर उनकी हत्या के बाद किसान यूनियन के अध्यक्ष बना दिए गए।

बाबा की क्राइम कुंडली

इसके बाद 4 जुलाई 1992 को फजलगंज में अयोध्या प्रसाद नाम के एक शख्स का कत्ल हो गया। इस कत्ल में बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया आरोपी बनाए गए। इल्जाम लगा कि भदौरिया ने एक बिल्डर के साथ मिलकर जमीन हड़पने के लिए अयोध्या प्रसाद का कत्ल करवा दिया। हालांकि बाद में बाबा इस मामले में जमानत पर बाहर हो गए। वैसे इस मामले का क्या हुआ, ये तो फिलहाल साफ नहीं है, लेकिन बाबा के खिलाफ नेतागीरी के चक्कर में धरना-प्रदर्शन, मारपीट, सरकारी काम में बाधा डालना, धमकाने जैसे कई मुकदमे भी रह चुके हैं। और शायद बाबा की इन्हीं आदतों की वजह से उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई हो चुकी है। बाबा के अतीत की बात करें तो बाबा कुछ दिनों के लिए यूपी के कोयला निगम के चेयरमैन भी रह चुके हैं, लेकिन बाबा पर दर्ज मुकदमों ने ही उनकी कुर्सी भी ले ली थी।

बाबा के पास करोड़ों की दौलत

अब बात बाबा के वर्तमान की। संतोष सिंह भदौरिया ने बाबा बनने के बाद करोड़ों की दौलत बनाई। आज की तारीख में बाबा संतोष सिंह भदौरिया के आश्रम में लाइन लगाकर करोड़ों की कीमत की गाड़ियां मौजूद हैं। आश्रम के ही अंदर एक बड़ा सा गैराज है, जहां पर बाबा की ये सारी गाड़ियां खड़ी होती हैं। इस गैराज में 30 गाड़ियों के खड़े होने की जगह है। सभी गाड़ियां सफेद रंग की हैं और पीछे करौली सरकार का स्टीकर लगा हुआ है। करौली बाबा संतोष सिंह भदौरिया के फ्लीट में एक डिफेंडर गाड़ी है, जिससे बाबा खुद चलते हैं। इसकी कीमत दो करोड़ के ऊपर की है। इसमें कई सुविधाएं अलग से जोड़ी गई हैं। बाबा के बाउंसरों और सिक्योरिटी के चलने के लिए गाड़ियां अलग से हैं, जिसमें फोर्ड इंडेवर गाड़ी, किया कार्निवल, टोयोटा की इनोवा और फॉर्च्यूनर शामिल हैं। एक गाड़ी की कीमत 40 से 50 लाख रुपये है। बाबा का आश्रम अपने आप में 14 एकड़ में फैला है।

इसके अलावा जो दौलत है वो अलग है। बहरहाल, पूर्वजों की मुक्ति करा कर जिंदा लोगों को ठीक करनेवाले बाबा के आश्रम तक अब पुलिस पहुंच गई है। बाबा के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। ऐसे में बाबा कब तक अपना जाल-बट्टा बचाए रख पाते हैं ये देखनेवाली बात है।

Sources:aajtak Crime

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