MP का नशामुक्त गांव,यहां सीसीटीवी से सुरक्षा,स्मार्ट क्लास में पढ़ाई

 


दमोह : मध्य प्रदेश का स्मार्ट गांव दमोह जिले के जबेरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत खैरी सिंगौरगढ़ का पड़रिया थोवन है। गांव की कुल आबादी 40 परिवारों की है, जिनमें 315 सदस्य निवासरत हैं। गांव में बने कच्ची मिट्टी के मकानों की दीवारें स्वच्छता का संदेश देती हैं। वहीं पूरे गांव की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, ताकि रात्रि के समय गांव में चोरी ना हो और न ही असामाजिक तत्व गांव में दाखिल हो पाएं।शिक्षा के स्तर में गांव के लोग काफी आगे हैं।

गांव के पढ़े-लिखे ज्यादातर युवा एमबीए, एयर फोर्स, पुलिस, बिजली कंपनी और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। जिससे अपना और अपने गांव का नाम भी रोशन कर रहे हैं। यहां का कोई भी रहवासी मादक पदार्थों का सेवन नहीं करता। यदि कोई भी व्यक्ति नशा करता है तो उस पर कैमरे की मदद से नजर रखी जाती है। यह प्रदेश का नशामुक्त गांव भी है। गांव के हर व्यक्ति का डेटा वेबसाइट पर उपलब्ध है।जबेरा ब्लॉक से दो किमी अंदर स्थित स्मार्ट गांव पड़रिया थोवन प्रदेश के लिए मिसाल बन गया है। पूरा गांव ओडीएफ डबल प्लस कैटेगरी में शामिल है, जिसकी शुरुआत तीन साल पहले हुई थी।

वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर अमेरिका के रजनीश वाजपेई और मुंबई के योगेश साहू ने इस गांव को स्मार्ट गांव फाउंडेशन से जोड़ा था। जिसके बाद फाउंडेशन की मदद से गांव में आठ CCTV कैमरे, आठ एड्रेसिंग सिस्टम, स्ट्रीट लाइट, सोलर लाइट लगवाई गईं। यहां तक कि बिना सरकारी मदद के गांव की दीवारों पर पेंटिंग और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को पढ़ाने लिखने के लिए निःशुल्क पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। गांव के प्राइमरी स्कूल में बच्चों के लिए स्मार्ट टीवी भी है।

गांव के हर एक मकान और ग्रामीणों का डेटा वेबसाइट पर उपलब्ध है। इंटरनेट सेवाओं के जरिए इस गांव के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। गांव का पूरा मैप अलग से तैयार करवाया गया है, जिसमें गांव के तालाब, बावड़ी, गोचर भूमि, कृषि योग्य जमीन, नहर, सड़कें एवं कच्चे पक्के मकान, स्कूल, आंगनवाड़ी और सरकारी भवन शामिल हैं। गांव की तमाम जानकारी सिंगल लिंक के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। यह डाटा एंट्री होने से दुनिया के किसी भी कोने से गांव के किसी भी आम व्यक्ति से संपर्क कर सकते हैं।रजनीश बाजपेई ने बताया कि उनके एक मित्र सत्येंद्र सिंह हैं, जो जबेरा के रहने वाले हैं।

उनसे संपर्क करने पर इस गांव के बारे में जानकारी लगी, जिसके बाद गांव का रीडेवलपमेंट प्लान तैयार करवाया गया। यहां के पब्लिक एड्रेस सिस्टम की विशेषता यह है कि गांव में हों या देश के किसी भी कोने में हों, आप इंटरनेट के माध्यम से सीधे ग्रामीणों के साथ बातचीत कर जुड़ सकते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उनका गांव पड़रिया थोवन देश, दुनिया में अपना नाम कर रहा है। जिसकी वजह है हमारे गांव के लोगों की सोच, हमारे गांव के लोग अपने गांव की साफ सफाई स्वयं करते हैं।

स्मार्ट गांव फाउंडेशन बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने इस गांव में विकास की नींव डालते हुए विकास कार्य किया।ग्रामीण राजेंद्र वर्मन ने बताया की उनका गांव स्मार्ट गांव है, जो निरंतर पांच सालों से लगातार आगे बढ़ रहा है। वहीं ग्रामीण अनुज बाजपेई ने बताया कि उनके गांव ने पूरे देश में अलग ही पहचान बना ली है। स्मार्ट गांव फाउंडेशन की मदद से पिछले चार साल से जो सुविधाएं मुहैया कराई गई है। उससे गांव में डस्टबिन, स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी, स्मार्ट क्लास आदि हैं।

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