प्लेन से कूद पड़ी लड़की, 2 मील दूर जाकर गिरी, फिर पैरों पर चलकर आई !

 


कुछ घटनाओं के बारे में सुनने के बाद हमारा विश्वास ईश्वर में और बढ़ जाता है। मसलन अगर कोई मौत के मुंह से वापस आ जाए तो हम इसे सुप्रीम पावर का चमत्कार ही मान सकते हैं। आज भी हवाई सफर अगर वक्त बचाने वाला माना जाता है, तो इससे जुड़ा सबसे बड़ा रिस्क ये है कि अगर कहीं क्रैश हो जाए, तो इसमें बचने की उम्मीद 99 फीसदी खत्म हो जाती है। हालांकि आज हम आपको ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे, जिसने प्लेन से कूदकर अपनी जान बचा ली।ये कहानी है जुलियन कोपक नाम की महिला की और वक्त है 1971 का। बात दिसंबर की कड़ी ठंड की है, जुलियन उस वक्त 17 साल की थीं।

वे अपनी मां के साथ LANSA Flight 508 में सफर कर रही थीं, जिसमें उन्हें लेकर कुल 92 लोग सवार थे। जुलियन को नहीं पता था कि ये सफर उनकी ज़िंदगी का ऐसा यादगार सफर बनने वाला है, जिसे वो ही नहीं दुनिया भी कभी नहीं भूल पाएगी।डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक LANSA Flight 508 पर उड़ान के दौरान ही पेरू में बिजली गिर गई, जिसकी वजह से प्लेन का एक्सीडेंट हो गया। प्लेन में सवार कुल 92 लोगों में से किसी की भी जान नहीं बच पाई, सिवाय 17 साल की जुलियन कोपक के। जुलियन अपनी मां के साथ सफर कर रही थीं, जिन्होंने बिजली गिरती देखकर ही कह दिया था कि अब ये अंत है।

हालांकि जुलियन उनके बगल में सीटबेल्ट पहनकर बैठी हुई थीं। इसी के वजह से उनकी जान बची क्योंकि सीटबेल्ट की वजह से वे सुरक्षित और नरम सरफेस पर थीं। उनकी सीट के बाहरी हिस्से ने पैराशूट की तरह काम किया और वे जब प्लेन से बाहर गईं, तो उनके गिरने की गति भी इसने कम की।जूलियन अमेजन के जंगलों में गिरी थीं और तब भी उनकी सीटबेल्ट उसके शरीर से बंधी थी। उनकी कॉलबोन टूट गई थी, दाहिने हाथ में गंभीर चोट थी और आंखें भी जख्मी थी।

फिर भी वो 10 दिन तक जंगल में भटकती रही और आखिरकार एक झोपड़ी में शरण ली। मच्छरों और भूख से उनका बुरा हाल हो चुका था, जब उन्हें मछुआरों ने देखा। उनके जख्मों में कीड़े लग चुके थे। जूलियन के माता-पिता अमेजन के जंगलों पर रिसर्च सेंटर चलाते थे और वो खुद एक बायोलॉजिस्ट थीं। इस घटना के बाद उनकी कहानी मशहूर हो गई क्योंकि क्रैश में सिर्फ वो अकेली ही बच पाई थीं, वो भी सीटबेल्ट की वजह से।

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