ऐसी जगह जहां शादी से पहले दुल्हनें महीने भर करती हैं रोने की प्रैक्टिस

 


हमारे देश में जब लड़कियों की शादी होती है तो ये समारोह कई दिनों तक चलता है. ये माहौल खुशियों से शुरू होता है और आखिरी दिन विदाई होने तक सबकी आंखें नम हो जाती हैं. हालांकि ये कोई ज़रूरी नहीं होता है कि शादी में रोना ही रोना हैं, फिर भी जज़्बात ऐसे होते हैं कि खुद लड़कियां और घरवाले रो पड़ते हैं. वैसे आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहां लड़कियों को शादी में पीट-पीटकर रुलाया जाता है.

पड़ोसी देश चीन में एक जनजाति में ऐसी परंपरा है कि लड़कियों को अपनी शादी में रोना ही पड़ता है. माना जाता है कि दुल्हनें अगर अपनी शादी में रोएं नहीं, तो अपशकुन होता है. ऐसे में लड़कियों को महीनेभर पहले से ही रोने की प्रैक्टिस करनी होती है, ताकि ऐन वक्त पर उन्हें और परिवार को शर्मिंदगी का शिकार नहीं होना पड़े. कई बार तो लड़कियों को रुलाने के लिए घरवाले ही उन्हें उकसाते हैं.

दुल्हन को जबरन बहाने पड़ते हैं आंसू
कहां हमारे देश में अब दुल्हनें अपनी शादी पर हंसती-खेलती हुई पहुंचती हैं, लेकिन चीन के दक्षिणी पश्चिमी प्रांत सिचुआन में रहने वाली तूजिया जनजाति के लोगों का अलग ही सिस्टम है. हज़ारों साल से इस जनजाति के लोग यहां बसे हुए हैं. जब यहां लड़कियों की शादी होती है तो उन्हें रोना ही पड़ता है. कहते हैं इस परंपरा की शुरुआत 475 ईसापूर्व से 221 ईसापूर्व के बीच हुई थी और 17वीं सदी में ये अपने चरम पर थी. जब इस जाओ राज्य की राजकुमारी की शादी हो रही थी, तो उनकी मां फूट-फूटकर रोई थीं. इसी घटना के बाद इस परंपरा की शुरुआत हो गई.

करनी पड़ती है रोने की प्रैक्टिस

अगर कोई दुल्हन विदाई के दौरान रोती नहीं है, तो इसे जनजाति के लोग बुरा मानते हैं और गांव भर में मज़ाक उड़ाया जाता है. दक्षिणी पश्चिमी प्रांत में एक जुओ टांग नाम की परंपरा का पालन किया जाता है. इस परंपरा के मुताबिक शादी से महीने पहले भर पहले से ही दुल्हन रोज़ाना एक घंटे के लिए रोना पड़ता है. 10 दिन के बाद इस प्रक्रिया में उसकी मां भी उसका साथ देती है और धीरे-धीरे बाकी महिला रिश्तेदार भी जुडती जाती हैं. इतना ही नहीं शादी के दौरान क्राइंग मैरिज नाम का एक गाना भी बजाया जाता है.

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