291 दिनों में भी नहीं निपटा हिजाब विवाद,अब मामला तीन बेंच के पास




चंडीगढ़: इस समय पूरे देश में हिजाब को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। आपको मालूम हो कि जहां जहां एक तरफ स्कूल कॉलिजों में हिजाब पर लगे बैन को ठीक ठहराया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इसकी मुखालफत भी हो रही है। गौरतलब है कि कर्नाटका से उठा हिजाब का जिन्न अब देश में ही नहीं देश से बाहर भी पहुंच गया है। जहां साउदी अरब,तालिबान जैसे देशों में महिलाएं गाड़ी चलाने के अधिकार,शिक्षा के लिए संघर्ष कर रही हैं वही इसके विपरीत भारत में कई महिलाएं हिजाब पहनने के लिए लड़ाई कर रही हैं।

मामला अदालत में हैं और दो न्यायधीशों वाली बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। लेकिन दोनों जजों की राय जुदा होने के चलते अब मामला तीन बेंच के पास चला गया हैं। मामले की सुनवाई के दौरान जजों की टिप्पणी पर अलग-अलग तरह के रिएक्शन सामने आ रहे हैं।वहीं हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने हिजाब विवाद पर टवीट कर कहा कि पुरुषों को अपने मन को मजबूत करना चाहिए और महिलाओं को हिजाब से मुक्त करना चाहिए।

विज का यह टवीट हाई कोर्ट द्वारा प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक खंडित फैसला सुनाने से कुछ समय पहले करा। आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी परंतु सजा महिलाओं को दी गई उनको सिर से लेकर पांव तक ढक दिया यह सरासर नाइंसाफी है।उन्होंने ट्वीट में सुझाव दिया, ‘पुरुष अपना मन मजबूत करें और महिलाओं को हिजाब से मुक्ति दें।’

फरवरी में कर्नाटक में कुछ छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर उठे विवाद के बीच विज ने कहा था कि विद्यालयों और कॉलेजों में प्रचलित ‘‘ड्रेस कोड’’ का पालन किया जाना चाहिए। पीठ ने खंडित फैसले के मद्देनजर निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली इन याचिकाओं को एक उचित वृहद पीठ के गठन के लिए प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखा जाए।

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