‘‘अग्निवीरों’’ को राज्य में विभिन्न विभागों में प्रथमिकता के आधार पर सेवा का मिलेगा अवसर: सीएम



देहरादून :  अग्निपथ योजना को लेकर जहां प्रदेश का युवा विरोध में सड़कों पर उतर आया है इसी बीच उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने मीडिया से रू-ब-रू होकर अग्निवीरों को योजना से हो रही गफलत से कुहासा हटा दिया है। सीएम धामी ने आज गुरुवार को मीडिया से मुखातिब होते हुये कहा कि युवाओं के लिए सेना में जाने का यह सुनहरा मौका है। उन्होंने कहा कि इस योजना का सभी युवाओं को लाभ उठाना चाहिए क्योंकि देश को योद्धा देने में उत्तराखंड हमेशा आगे रहा है। 

मुख्यमंत्री ने वार्ता में कहा कि सेना की चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को भविष्य के लिए अन्य अवसर भी दिए जाएंगे। चार साल की नौकरी के बाद उन्हें सेवा निधि पैकेज मिलेगा राज्य में नौकरियों में उन्हें विशेष अवसर मिलेगा। वहीं राज्य के विभिन्न सेवाओं में प्राथमिकता के आधार पर उन्हें रोजगार के अवसर दिया जायेंगे। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि अग्निवीरों को पुलिस, अग्निशमन और आपदा प्रबंधन में रोजगार दिया जाएगा इसके लिए सेवा नियमावली भी तैयार होगी।

उन्होने कहा कि अग्निपथ योजना के माध्यम से देश की सैन्य ताकत को मजबूती मिलने के साथ ही युवाओं की कौशलता और प्रतिबद्धता में भी खासा सुधार आएगा। सीएम धामी ने कहा कि भारतीय रक्षा व्यवस्था को लेकर पिछले कुछ सालों में कई बड़े सुधार देखने को मिले हैं।

अग्निपथ योजना को लागू करने का जो निर्णय लिया गया है उससे देश के नौजवान चार साल की सेवा सेना में दे सकेंगे। इस योजना से अग्निवीर तैयार किए जाएंगे देश के नौजवान आर्म फोर्स में जा सकेंगे उन्हें नई तकनीक से ट्रेंड किया जाएगा और देश को हाई स्किल आर्म फोर्स मिलेगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने की दृष्टि से यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया है।अग्निवीरों को अच्छा वेतन मिलेगा इस योजना के तहत जो जवान चार साल बाद यहां से निकलेंगे राज्य सरकार ऐसे अग्निवीरों को पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता से अवसर देगी। इसमें 17 साल 6 माह से 21 साल तक के 10वीं एवं 12वीं पास युवा आवेदन कर सकेंगे अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसके परिजनों को सेवा निधि के तहत एक करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि ब्याज सहित मिलेगी इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा।

वहीं अगर कोई अग्निवीर डिसेबल हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन मिलेगा। 

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