खाद्य मंत्री और खाद्य सचिव में तकरार,मंत्री ने तबादले रद कर दिए।

 


देहरादून:  उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री के नौकरशाही पर सख्त लगाम कसने के बावजूद अभी भी नौकरशाही अपनी मनमानी करने से नहीं चूक रहे। अब फिर मंत्री और नौकरशाही के दरम्यान तनातनी बन गई है। आपको मालूम हो कि खाद्य मंत्री रेखा आर्या का अनुमोदन लिए बगैर ही विभागीय सचिव एवं आयुक्त सचिन कुर्वे ने छह जिलापूर्ति अधिकारियों के तबादले कर दिए।

ये बात नई नहीं है इससे पहले भी नैनीताल के डीएसओ मनोज वर्मन को अनिवार्य रूप से अवकाश पर भेजने के खाद्य आयुक्त के आदेश से नाराज खद्य मंत्री रेखा आर्या ने अपनी तीखी आपत्ति जताई थी । तबादला रद्द कर करने के साथ ही मंत्री ने आयुक्त को जवाब तलब किया था, साथ में आयुक्त के खिलाफ कार्यवाही को मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी मामले की जानकारी दी है।

खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने बीती 20 जून को नैनीताल के जिलापूर्ति अधिकारी मनोज वर्मन को अनिवार्य अवकाश पर भेजने के आयुक्त के आदेश पर कड़ी नाराजगी जताई थी। मंत्री ने उनके संज्ञान में लाए बगैर इस कार्यवाही को लेकर खाद्य आयुक्त सचिन कुर्वे को पत्र लिखा था। रूल आफ बिजनेस के उल्लंघन का हवाला देते हुए उन्होंने मनोज वर्मन को अवकाश पर भेजने का आदेश निरस्त भी किया था।

इसके बाद बुधवार को खाद्य आयुक्त ने आदेश जारी कर छह जिलापूर्ति अधिकारियों के तबादले किए हैं। इसमें श्याम आर्य को पिथौरागढ़, मुकेश कुमार को हरिद्वार, जसवंत सिंह कंडारी को चमोली, केके अग्रवाल को रुद्रप्रयाग, मनोज कुमार वर्मन को बागेश्वर और मनोज डोभाल को नैनीताल स्थानांतरित किया गया है।


देहरादून से हटाए गए जिलापूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी के स्थान पर गढ़वाल संभाग के खाद्य उपायुक्त विपिन कुमार को जिलापूर्ति अधिकारी का प्रभार सौंपा गया था। मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि बीते दिनों निर्देश के बाद भी मनोज वर्मन के संबंध में आदेश निरस्त नहीं किया गया। अब छह जिलापूर्ति अधिकारियों के स्थानांतरण किए गए उन्होंने आयुक्त से इस संबंध में जवाब मांगा है साथ में तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण निरस्त कर दिए हैं।


खाद्य मंत्री ने कहा कि विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बगैर यह कार्यवाही डेढ़ घंटे के भीतर मनमाने और एकाधिकार के रूप में की गई है। उन्होंने खाद्य आयुक्त के स्तर पर स्थानांतरण को गठित कमेटी की आनन-फानन बैठक बुलाने और फिर आदेश जारी कर उसे संबंधित जिलाधिकारियों को भेजने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि आयुक्त ने उनके पहले पत्र का भी जवाब नहीं दिया है। उन्होंने खाद्य आयुक्त के खिलाफ मुख्य सचिव को पत्र लिखकर दो दिन पहले उनके आदेश का पालन नहीं करने और फिर छह जिलापूर्ति अधिकारियों का बगैर अनुमोदन लिए स्थानांतरण करने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने खाद्य सचिव व आयुक्त के कृत्य का संज्ञान लेकर मुख्य सचिव को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

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