जहांगीरपुरी: बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाये ब्रेक



नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी में अवैध अक्रिमण के खिलाफ नगर निगम ने मोर्चे पर बुलडोज़रों को लगा दिया जिससे इलाके के वाशिंदों में हड़कंप मच गया है। आपको बता दें बर्षों से बसे इस इलाके में नगर निगम को अतिक्रमण जैसा कुछ नजर नहीं आया लेकिन अचानक जहांगीरपुरी उपद्रव के बाद नगर निगम को अतिक्रमण और अवैध कब्जे याद आ गये ये थोड़ा सोचने का बिषय जरूर है।बहरहाल नगर निगम की इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गयी है जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनाये रखने के आदेश दिये हैं। 

सुप्रीम कोर्ट में कल भी इस मामले पर सुनवाई होने के आसार हैं। आपको बता दें कि इस समय भाजपा शासित प्रदेशों में राज्य सरकारें बुलडोजर के सहारे सियासत की राह में आने वाले ऊंचे नीचे रास्तों को समतल करने में जुटी है। पहले मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तरप्रदेश और अबदेश की राजधानी दिल्ली में भी बुलडोजर स्पीड के साथ दौड़ रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण को हटाने के लिए बुधवार सुबह भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कार्रवाई शुरू की और कई अवैध निर्माणों को ढहा दिया। जो अवैध निर्माण ढहाये गये हैं उनमें अस्थायी रूप से बनायी गयी दुकानें और स्थायी रूप से बनाये गये अवैध मकान और दुकानें भी शामिल हैं। 

इसके साथ ही सड़कों पर रखे गये कबाड़ को भी हटाया गया। आपको बता दें कि जहांगीरपुरी वही इलाका है जहां हनुमान जयंती के दिन साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कहना है कि यह कार्रवाई अतिक्रमण के विरोध में है। नगर निगम की इस कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है। नगर निगम की इस कार्रवाई के विरोध में आवाजें भी उठ रही हैं लेकिन निगम का कहना है कि सिर्फ अवैध निर्माणों को ही हटाया जा रहा है।इस बीच उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर राजा इकबाल सिंह का कहना है कि यह कार्रवाई अतिक्रमण के विरोध में की जा रही है और इसमें कहीं कोई राजनीति नहीं है उन्होंने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में पता चला है जिसके बाद हम कार्रवाई को फिलहाल रोक रहे हैं।

इस बीच इस मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी जारी है। सांसद असद्दुदीन ओवैसी ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल उठाया है उन्होंने कहा कि नाम देखकर कार्रवाई हो रही है। उन्होंने हैदराबाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जो हिन्दू हैं उनके घरों को छोड़ा जा रहा है लेकिन गरीब मुस्लिमों के घरों और दुकानों को ढहाया जा रहा है।मालूम हो कि ऐसा माना जाता है कि इस इलाके में बढ़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या रहते हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि यह लोग अक्सर कानून व्यवस्था के लिए मुसीबत का सबब बनते हैं और इन लोगों ने इलाके में कई अवैध कब्जे किये हुए हैं।

इस बीच दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों पर सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया है। उल्लेखनीय है कि जहांगीरपुरी में शनिवार को शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हो गये थे। पुलिस के अनुसार झड़पों के दौरान पथराव और आगजनी हुई और कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया था। पुलिस ने कहा कि कड़े कानून के तहत जिन पर मामला दर्ज किया गया है उनमें हिंसा का कथित (मुख्य साजिशकर्ता) अंसार और सोनू शामिल हैं जिसे शनिवार को हिंसा के दौरान एक वीडियो में गोलीबारी करते हुए देखा गया था उन्होंने बताया कि इनके अलावा सलीम, दिलशाद और अहिर के खिलाफ भी एनएसए लगाया गया है।

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