इतिहास बन जायेगी अब मसूरी की कोहिनूर बिल्डिंग



मसूरी: कुदरती नज़ारों से लबरेज पहाड़ों की रानी मसूरी के लंढौर बाजार की हभी शान रही कोहिनूर बिल्डिंग अब जल्द ही इतिहास बनकर रह जाएगी। कभी इस बिल्डिंग मे अपने जमाने की मशहूर बालीवुड अदाकारा शायरा बानो और उनके परिवार से ताललुक रखने वाली ब्रिटिश राज्य  में बनी यह इमारत इन दिनों धाराशायी की जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक इस मशहूर इमारत को कानपुर (उत्तर प्रदेश) के किसी व्यवसायी ने खरीदा है। इस इमारत को तोड़ने से पहले सुरक्षा के लिहाज से सामने और दक्षिण दिशा की तरफ स्टील की चादरों से घेर दिया गया है। बताया जा रहा है कि भविष्य में इस जगह भव्य होटल या शापिंग कांप्लेक्स नजर आ सकते हैं।

मसूरी के निवासीयों का कहना है कि इस पांच मंजिला इस भव्य इमारत का निर्माण वर्ष 1890 में एक भारतीय बैंकर ने कराया था जो भगवान दास बैंक के स्वामी भी थे। 20वीं सदी के मध्य तक इस इमारत में अनेक संपन्न मुस्लिम परिवार निवास करते थे। इनमें से किसी एक परिवार के यहां अदाकारा शायरा बानो और उनके परिवार का आना.जाना था। लोगों का कहना है कि पहले  कोहिनूर बिल्डिंग में भगवान दास बैंक की ब्रांच भी खोली गई थी लेकिन अब यह इमारत शकिस्ता  होने की वजह से रहने के काबलि नहीं रह गई है।


इतिहासकार  बताते हैं कि गुजरे जमाने में कभी यह इमारत लंढौर की पहचान हुआ करती थी 23 अगस्त 1944 को शायरा बानो का जन्म भी मसूरी में कोहिनूर बिल्डिंग के समीप एक अस्पताल में हुआ था। इसका उल्लेख मसूरी नगर पालिका के दस्तावेजों में भी दर्ज है। एक अन्य इतिहासकार जय प्रकाश उत्तराखंडी का कहना है कि कोहिनूर बिल्डिंग को मुगल वास्तुकला के हिसाब से बनाया गया था हालांकि वह इसका निर्माण वर्ष 1905 बताते हैं।


शकिस्ता हालत में पहुंच चुकी इस इमारत को तकरीबन  30 वर्ष से एमडीडीए गिरासू भवन के रूप में चिह्नित करता आ रहा था। वक्त बीतने के साथ इसके गिरने का खतरा बढ़ता जा रहा था लिहाजा प्रशासन ने कई बार इस इमारत को खाली कराने का प्रयास किया मगर यहां रह रहे किरायेदार इमारत को खाली करने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। इन्हीं किरायेदारों के पास इमारत का मालिकाना हक भी था।

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