कर्नाटक हिजाब विवाद: हम संविधान के अनुसार चलेंगे,जुनून या भावनाओं के साथ नहींं: एच.सी



कर्नाटक के कॉलेज कैंपस में हिजाब और भगवा शॉल पहनने के मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि हम तर्क और कानून से जाएंगे देखेंगे जुनून या भावनाओं के साथ नहीं। संविधान जो कहता है हम उस पर चलेंगे। संविधान हमारे लिए भगवद गीता है और हम उसी का पालन करेंगे। एडवोकेट जनरल ने कर्नाटक हाई कोर्ट से कहा कि कॉलेज को यूनिफॉर्म तय करने की स्वायत्तता दी गई है कि वे यूनिफॉर्म पर अपना फैसला ले सकते हैं। उनका कहना है कि जो छात्र छूट चाहते हैं वे कॉलेज विकास समिति से संपर्क कर सकते हैं। 

याचिका में छात्राओं ने आरोप लगाया कि महाविद्यालय ने विधायक के कहने पर ‘‘हिजाब’’ के साथ परिसर में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह याचिका सुहा मौलाना और ऐशा अलीफा नामक छात्राओं ने दायर की है जो बीबीए पाठ्यक्रम में पंजीकृत हैं। लड़कियों ने याचिका में रेखांकित किया कि जब उन्होंने महाविद्यालय में प्रवेश लिया तब हिजाब को लेकर कोई विवाद नहीं था। उन्होंने दावा किया कि प्रधानाचार्य ने तीन फरवरी को अचानक हिजाब पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि सरकार ने कक्षा के भीतर हिजाब पहनने पर रोक लगाई है। याचिका में छात्राओं ने कहा कि जब उनके अभिभावक प्रधानाचार्य से मिले तो उन्होंने बताया कि विधायक के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है। विधायक महाविद्यालय विकास समिति के अध्यक्ष भी हैं।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शांति कायम रखने की अपील की है। बोम्मई ने सभी से शांति कायम रखने की अपील की और कहा कि उनकी सरकार अदालत के आदेश के बाद कदम उठाएगी। नयी दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, मामला उच्च न्यायालय में है और उसका निर्णय वहां होगा। इसलिए मैं सभी से शांति बरकरार रखने की अपील करता हूं और किसी को शांति भंग करने वाला कदम नहीं उठाना चाहिए।

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