नेपाली फार्म के नामकरण को लेकर गोरखा समुदाय में रोष

 




देहरादून/  देहरादून-ऋषिेकेश को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग का नामकरण की सिफारिश किये जाने को लेकर गोरखा समुदाय में खासा रोष है। गौरतलब है कि दशकों पुराने इस संपर्क मार्ग की पहचान नेपाली फार्म के रूप में होती है, जिसके बारे में गोरखा समुदाय का कहना है कि दशकों पहले यहां पर नेपाल के सत्ताधारी राणा परिवार ने सत्ता समाप्ति के बाद देहरादून समेत देश के कई हिस्सों में जमीनें खरीदी थीं जिसमें नेपाल से आये राणा परिवार ने भी इस के आस-पास कई एकड़ जमीन खरीदी थी जिसके चलते यह जगह नेपाली फार्म के रूप में प्रसिद्ध हो गई , बताते हैं कि अभी भी कुछ जमीन यहां पर राणा परिवार की है। प्रसिद्ध समाज सेवी और गोरखा अध्यक्ष सुश्री सारिका प्रधान का कहना है कि शताब्दी के करीब पहुंच रहे नेपाली फार्म का नाम बदल कर बिक्टोरिया क्रास विजेता गब्बर सिंह के नाम पर किये जाने की सुस्तुति की गई है जो दुःख का बिषय है। गौरतलब है कि विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचन्द ने मुख्यमंत्री को नेपाली फार्म का नाम बदलकर विक्टोरिया क्रास विजेता स्व0 गब्बर सिंह के नाम पर किये जाने की सिफारिश की है जो अत्यंत दुःख का बिषय है । सुश्री सारिका प्रधान का कहना है कि यदि सरकार को सड़कों का नामकरण करना है तो ऐसी जगह को चुने जिनका नामकरण हुआ ही न हो। सुश्री सारिका प्रधान का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकारों ने पहले देहरादून का प्रसिद्ध महेन्द्र ग्राउन्ड का नाम बदल दिया फिर केदारपुर स्थित गोरखा गांव का नाम भी बदल दिया गया यदि अब नेपाली फार्म का नाम भी बदला जाता है तो ये समस्त गोरखा समुदाय के साथ अन्याय होगा जिसे गोरखा समुदाय वर्दाश्त नहीं करेगा।

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