उत्तराखंड में वन्यजीव अपराध नियंत्रण इकाइयों का गठन



वन्यजीव सुरक्षा के मद्देनजर गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडलों में वन्यजीव अपराध नियंत्रण इकाइयां गठित कर दी गई। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। ये इकाइयां वन्यजीवों के शिकार की रोकथाम के साथ ही अपराधियों पर नकेल कसने को प्रभावी कदम उठाएंगी।




 


देहरादून  /  उत्तराखंड में वन्यजीव सुरक्षा के मद्देनजर गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडलों में वन्यजीव अपराध नियंत्रण इकाइयां गठित कर दी गई हैं। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। ये इकाइयां विशुद्ध रूप से वन्यजीवों के शिकार की रोकथाम के साथ ही अपराधियों पर नकेल कसने के लिए प्रभावी कदम उठाएंगी।


वन्यजीव अपराधों की रोकथाम के लिए राज्य में लंबे समय से स्वतंत्र इकाइयों के गठन पर जोर दिया जा रहा था। राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में भी इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई थी। अब राष्ट्रीय वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की तर्ज पर राज्य के दोनों मंडलों के लिए अलग-अलग वन्यजीव अपराध नियंत्रण इकाइयां गठित की गई हैं। गढ़वाल के लिए गठित इकाई में सहायक वन संरक्षक रंगनाथ पांडेय (कालसी), वन क्षेत्रधिकारी राजेंद्र सिंह नौटियाल (राजाजी टाइगर रिजर्व), वन दारोगा होशियार सिंह पुंडीर (मसूरी), राय सिंह कुंवर (केदारनाथ), भूपेंद्र सिंह गुसाईं (लैंसडौन), वन रक्षक ईश्वर सिंह कंडारी (केदारनाथ) व प्रियंका पांडेय (राजाजी टाइगर रिजर्व) को शामिल किया गया है।



 

कुमाऊं मंडल की इकाई में सहायक वन संरक्षक आरके तिवारी (तराई केंद्रीय), वन क्षेत्रधिकारी मनीष कुमार (बागेश्वर), उप वन क्षेत्रधिकारी संजय पांडेय (कार्बेट टाइगर रिजर्व), वन दारोगा विनोद कुमार (तराई पूर्वी), वन रक्षक सुदेश (कार्बेट टाइगर रिजर्व), विवेक गोस्वामी (बागेश्वर) व सुरेंद्र (तराई केंद्रीय) को रखा गया है।





ये होंगे दायित्व



  • खुफिया सूचनाएं एकत्रित कर इनका आदान-प्रदान करना

  • वन्यजीव अपराध और अपराधियों का डाटा बेस तैयार करना

  • वन्यजीव अपराधों की जांच और आरोपितों को न्यायोचित दंड दिलाना

  • विभागीय समन्वय स्थापित करना, सरकार को परामर्श देना

  • वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के साथ नोडल के तौर पर कार्य करना


Sources:जेएनएन



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