संजय राउत बोले- चीन की मदद से संविधान बदलने की सोचने वालों को भेजना चाहिए अंडमान


हाल में नजरबंदी से रिहा हुईं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी चीफ महबूबा मुफ्ती के अनुच्छेद 370 को लेकर दिए बयान के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है। शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने उनके इस बयान को लेकर शनिवार को महबूबा पर निशाना साधा। राउत ने कहा कि अगर कोई चीन की मदद से भारतीय संविधान को बदलने की बात करता है तो उसे गिरफ्तार कर दस वर्षों के लिए अंडमान भेज देना चाहिए।


शिवसेना प्रवक्ता ने कहा, "चाहे फारूक अब्दुल्ला हों या फिर महबूबा मुफ्ती, अगर कोई भी चीन की मदद से भारतीय संविधान को बदलने की बात करता है तो उसे गिरफ्तार कर 10 वर्षों के लिए अंडमान भेजा जाना चाहिए। कैसे वे खुलेआम घूम रहे हैं?"


इससे पहले, संजय राउत ने कहा था कि यदि पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला या फिर कोई और जो जम्मू कश्मीर में चीन की मदद से दोबारा अनुच्छेद 370 बहाल करना चाहता है उसके खिलाफ केन्द्र सरकार की तरफ से कड़ा कदम उठाया जाना चाहिए।


संजय राउत का यह बयान शुक्रवार को पीपुल्स एलांयस फॉर गुपकार डेक्लरेशन (पीएजीडी) के प्रतिनिधिमंडल और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के नेताओं के बीच मुलाकात के बाद शुक्रवार को आया।


उमर अब्दुल्ला के अलावा उस प्रतिनिधिमंडल में अन्य नेता थे गुलाम नबी लोन हंजुरा, नासीर आलम वाणी, मुजफ्फर शाह और वाहीद पर्रा। 24 अक्टूबर को अब्दुल्ला ने कहा था कि पीपुल अलायंस फॉर गुपकार डेक्लरेशन इसलिए बनाया गया है ताकि जम्मू कश्मीर की जनता के अधिकारों को सुनिश्चित किया जा सके और जम्मू कश्मीर और लद्दाख को पूर्ववत स्थिति में बहाल किया जा सके।


फारूक अब्दुल्ला को इस गुपकार अलायंस का अध्यक्ष चुना गया है जबकि महबूबा मुफ्ती इसकी उपाध्यक्ष बनी हैं।


Source:Agency News


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