उप राष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने  राजा विजय सिंह को दी श्रद्धांजलि,  शहीदों के पदचिह्नों पर चलने का किया आहवान 

 



रुड़की/  उपराष्ट्रपति एमण् वेंकैया नायडू भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से आज सुबह देहरादून पहुंचे, जहां सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उपराष्ट्रपति वहां से कुंजा बहादुरपुर गांव पहुंचे,जहां उन्होंने प्रथम क्रांति में प्राणों की आहुति देने वाले राजा विजय सिंह और उनके सेनापति कल्याण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ सीएम त्रिवेंद्र रावत, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस गांव के शहीदों को नमन करते हुए आशा करता हूं कि भावी पीढ़ी यहां से प्रेरणा लेगी,देश का नागरिक होने के नाते यहां का इतिहास सुनकर यहां आने के भाव जागे। उन्होंने कहा कि आज उन्हें यहां आने का अवसर मिला है इसके लिए वे अपने को सौभाग्यशाली मानते हैं स्वतंत्रता संग्राम से तीन दशक पहले ही यहां के नागरिकों ने विजय सिंह के नेतृत्व में आजादी के लिए बलिदान दिया उस समय एक हजार लोगों की सेना तैयार करना आसान नहीं था। अंग्रेजों ने जब यहां आक्रमण किया तो उस युद्ध में 40 ब्रिटिश और सैकड़ों यहां के सैनिक मारे गए यहां के सैनिकों और लोगों को नमन करना चाहता हूं अंग्रेजों ने राजा विजय सिंह और सेनापति कल्याण सिंह को फांसी दी आज जो हमें मानवाधिकारों का पाठ पढ़ा रहे हैं उनका इतिहास क्रूर रहा है उपराष्ट्रपति ने कहा कि कुंजा बहादरपुर जैसे क्षेत्रों के जिक्र के बिना हमारा इतिहास अधूरा है। उन्होंने कहा कि वे यहां के इतिहास को नमन करते हैं और यहां की वीरगाथाएं इतिहास में होना जरूरी है जिसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि भावी पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके। उपराष्ट्रपति ने कहा कि बाहरवीं कक्षा तक पाठ्यक्रम अपनी मातृ भाषा में होना जरूरी है। इस मौके पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सभा को संबोधित किया।


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