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कविताऐं


 दीपावली


मन मंदिर को पावन कर जाओ,
राग द्वेष के तम को हर जाओ।
भाईचारे की अलख जगा कर,
खुशियों के फिर दीप जलाओ।


 नव दीपक की नवल ज्योति से,
जाति धर्म का कलुष भगाओ।
सब पर प्रेम सुधा बरसा कर,
खुशियों के फिर दीप जलाओ।


अमीर गरीब का भेद हटाओ,
सबको अपना मीत बनाओ।
अनार पटाखे फुलझड़ी जलाओ,
खुशियों के फिर दीप जलाओ।


प्रेषक - कल्पना सिंह
पता - आदर्श नगर ,बरा ,रीवा ;मध्य प्रदेश


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