<no title> बेरोजगार युवाओं को झटका, वन रक्षक पदों पर भर्ती में फंसा पेंच


 



देहरादून


: उत्तराखण्ड में एक हजार से ज्यादा वन रक्षकों की नई भर्ती पर पेंच फंसने से प्रदेश के युवाओं का सपना चकनाचूर हो गया है। गौरतलब है कि अधीनस्थ चयन सेवा आयोग कार्मिक विभाग की नियमावली के मुताबिक सीधी भर्ती की जाती है, लेकिन वन विभाग और कार्मिक विभाग की नियमावली अलग-अलग होने के चलते ऐसी दिक्कते सामने आई है,ं जिसके चलते निम्न पद पर आवेदन करने वाले तकरीबन डेढ़ लाख आवेदन कर्ताओं को अभी और इन्तजार करना पड़ सकता है। आपको बता दें कि वन विभाग ने भर्ती नियमावली में संशोधन तो कर लिया लेकिन उसके बाद कार्मिक विभाग की कामन भर्ती नियमावली आड़े आ रही है। ऐसे में गफलत में पड़ा आयोग अब शासन से अनुमति लेने का मन बना रहा है। जैसा कि मालूम है कि सन् 2017 में वन विभाग से हरी झण्डी मिलने के बाद आयेग ने वन रक्षक के पदों की भर्ती के लिए  विज्ञप्ति जारी करी थी लेकिन सरकार ने आयु सीमा को लेकर भर्ती पर रोक लगा दी थी।  उसके बाद वन विभाग ने आयु सीमा 24 साल से बढ़ाकर 28 साल करने का फैसला लिया था तदुपरान्त 2019 में आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई जिसमें ड़ेढ़ लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किये थे । आपको बता दें कि वन विभाग ने अपनी नियमावली में संशोधन तो कर दिया लेकिन कार्मिक विभाग की नियमावली में शारीरिक टेस्ट कराने से पहले लिखित परीक्षा कराने का प्रावधान नहीं है, ऐसे में असमंजस के हालात में आयोग अब शासन से राय मांग रहा है कि विभागीय नियमावली के आधार पर भर्ती की जाये या न की जाये। 


 


 


 


 


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