महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाएं आज भी समाज के लिए मार्गदर्शक: गणेश जोशी
देहरादून: महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को कालिदास मार्ग स्थित महर्षि वाल्मीकि मंदिर पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। इस दौरान मंदिर परिसर में श्रद्धा और भक्ति का वातावरण देखने को मिला। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी संख्या में उपस्थित होकर महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाओं को याद किया।
मंत्री गणेश जोशी ने इस अवसर पर कहा कि महर्षि वाल्मीकि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा के ऐसे महापुरुष हैं जिन्होंने अपने तप, ज्ञान और लेखनी से मानवता को दिशा दी। उन्होंने रामायण जैसे अमर ग्रंथ की रचना कर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। मंत्री जोशी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का जीवन सत्य, मर्यादा और धर्म के प्रति समर्पण का अनुपम उदाहरण है। उनकी रचनाएँ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि उनमें जीवन के आदर्श और नैतिक मूल्यों का सार भी निहित है।
मंत्री जोशी ने कहा कि आज के समय में जब समाज कई प्रकार की चुनौतियों और भेदभावों का सामना कर रहा है, ऐसे में महर्षि वाल्मीकि की वाणी हमें समानता, सेवा और सद्भाव का संदेश देती है। उन्होंने समाज के हर वर्ग को एक सूत्र में बाँधने का कार्य किया और मानवता के उच्चतम मूल्यों को स्थापित किया। जोशी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाएँ आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक हैं और भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाकर समाज में प्रेम, सौहार्द और भाईचारे की भावना को मजबूत करना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन और स्थानीय नागरिक भी मौजूद रहे। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष प्रदीप रावत, डॉ. बबीता सहोत्रा, भावना चौधरी, सतेंद्र नाथ सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी ने महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया। पूरा वातावरण भक्ति और श्रद्धा से ओत-प्रोत रहा, जहाँ महर्षि वाल्मीकि के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने समाज में समरसता और समानता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
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