लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का बलिदान: पत्नी ने मुसलमानों व कश्मीरियों के खिलाफ नफरत न फैलाने की अपील की



 नई दिल्ली  : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में शहीद हुए नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की याद में पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। 26 वर्षीय नरवाल अपनी शादी के मात्र छह दिन बाद पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून मनाने पहलगाम पहुंचे थे, जब आतंकियों ने उनकी धर्म की पुष्टि करने के बाद उन्हें गोली मार दी। इस हमले में कुल 26 लोग मारे गए थे।

लेफ्टिनेंट नरवाल का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया और 25 अप्रैल को उनकी अस्थियां हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा में विसर्जित की गईं। 1 मई को उनके 27वें जन्मदिन पर, उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल — जो गुरुग्राम की पीएचडी स्कॉलर हैं — ने पूरे राष्ट्र के सामने एक मार्मिक और साहसी अपील जारी की। उन्होंने कहा, “हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों या कश्मीरियों के खिलाफ जाएं। हम शांति चाहते हैं और केवल शांति। बेशक, हम न्याय चाहते हैं।”लेफ्टिनेंट नरवाल 2022 में भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे और पिछले डेढ़ साल से कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान में तैनात थे। नौसेना ने उन्हें “समर्पित और साहसी अधिकारी” बताते हुए उनकी देशभक्ति को सलाम किया।

भारतीय जांच एजेंसियों के अनुसार, इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ है, जिससे नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव और बढ़ गया है। अमेरिका ने इस मामले पर कूटनीतिक सक्रियता दिखाते हुए दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ अलग-अलग बातचीत कर दक्षिण एशिया में “शांति और सुरक्षा” बनाए रखने पर जोर दिया।शहीद लेफ्टिनेंट नरवाल के बलिदान ने देश को झकझोर दिया है, वहीं उनकी पत्नी हिमांशी की अपील ने करोड़ों दिलों को छू लिया है — एक ऐसी अपील जो नफरत नहीं, बल्कि न्याय और शांति की राह दिखाती है।

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