सम्मान और अनुशासन को लेकर कांग्रेस की सीख हास्यास्पद : चौहान

 


देहरादून , भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने राजनैतिक चुनाव प्रबंधन और कार्यकर्ताओ के सम्मान को लेकर कांग्रेस की सीख को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि अपने हाईकमान की चाटुकारिता करने वाले और इससे आहत दो अलग अलग धड़े इस समय मे उस पार्टी मे है जो कि भिन्न भिन्न वजह से निष्ठा से बंधे हुए है। सम्मान किसको कितना मिलता है यह आम कांग्रेसी बेहतर जानता है। लेकिन यह सच है कि कांग्रेस मे चाटुकारों की फौज रह गयी है और अधिकतर कार्यकर्ता दुखी है।

चौहान ने कॉंग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के आरोप पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कार्यकर्ता का सम्मान भाजपा मे ही संभव है और अब तक भाजपा इसे साबित करती आयी है। भाजपा मे आम व्यक्ति से लेकर पार्टी का कार्यकर्ता आसानी से अध्यक्ष अथवा वरिष्ठ नेताओं से मिल सकता है। पार्टी मे सुनवाई भी है, लेकिन कांग्रेस मे कोई भी निर्णय बिना हाईकमान की परिक्रमा और गुटीय स्थिति के संभव नही है। कांग्रेस को परिवार केंद्रित अपने स्वयंभू अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की तिकड़ी को मिलने के लिए कई चैनल पार करने पड़ते है और हर बार कार्यकर्ताओ के हाथ निराशा ही लगती है।

चौहान ने कहा कि कांग्रेस अपरिपक्वता के चलते या जानबूझकर एक छोटे मैदान मे अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यक्रम भी सफलतापूर्ण आयोजित नही कर पायी। पार्टी के बड़े नेताओं को न मंच पर जगह मिली और न ही बोलने का मौका। इसकी खीज उन्होंने बाद मे बयां भी की। अब रैली की असफलता के लिए भाजपा को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।

चौहान ने सीएम धामी अपने कैबिनेट के सहयोगियों के साथ राम लला के दर्शनों के लिए अयोध्या गए है जो कि सुखद और सौभाग्यशाली क्षण है। आज इस दौरे पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस को समझने की जरूरत है कि उन्होंने सत्ता मे रहते हुए अपनी ताकत का इस्तेमाल मन्दिर के निर्माण मे रोड़े अटकाने के लिए ही किया। राम काज का विरोध का ही वह दंड भुगत रही है और देश भर से कांग्रेस सिमट रही है।

उन्होंने कहा कि यह जगजाहिर है कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल मे पीएम तक का सम्मान नही किया। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और नरसिंहा राव के कार्यकाल को देखा जा सकता है। सुपर पीएम ही सभी फैसले लेते रहे और दिखावे को मंच सजाया जाता रहा। भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है और सभी राष्ट्र हित मे दायित्व का निर्वहन करते है। कांग्रेस नेताओं को असंसदीय कथन और सार्वजनिक जीवन मे आचरण की सीख लेनी होगी।

टिप्पणियाँ